झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के शुरुआती नतीजों ने बीजेपी की कमर ‘तोड़’ दी है। यहां आए अभी तक के रुझानों में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनती नजर आ रही है। जबकि बीजेपी के दावों की ‘हवा’ निकलती दिखाई पड़ रही है।

बता दें बीजेपी ने अपने तेजतर्रार नेता और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया था। दोनों नेता अपने-अपने राज्यों में राजनीति के कद्दावर नेता हैं और इन्हें कई चुनावों में अपनी पार्टी को विजय दिलाने का श्रेय जाता है। लेकिन इन नेताओं का विजय रथ का पहिया झारखंड में थमता दिखाई पड़ रहा है।

चुनाव प्रचार में हिमंत बिस्वा सरमा ने झामुमो और हेमंत सोरेन पर बड़े तीखे हमले किए थे। जमशेदपुर के साकची स्थित बोधि मैदान में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने कहा था कि अगर एनडीए की सरकार राज्य में आई तो यहां किसी भी शहर और जिले के नाम मुगल शासकों के नाम पर नहीं होंगे। मुगल शासकों से जुड़े नाम बदले जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने में जहां बाबर बसे हैं, उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर लात मार कर देश से भगाया जाएगा।

हिमंत बिस्वा ने झारखंड के संताल परगना पर बढ़ रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या पर हेमंत सोरेन को घेरा था। उन्होंने कहा था कि झारखंड में घुसपैठियों को वोट की तुष्टिकरण के लिए बुलाया जाता है। बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से ही राज्य की डेमोग्राफी बदल गई है। हमारी सरकार बनेगी तो हम घुसपैठियों को लात मार-मारकर झारखंड से बाहर निकालेंगे।

हिमंत बिस्वा ने हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना को बंटी-बबली करार देते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान एक दूजे के लिए फिल्म की शूटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनेते ही बालू फ्री कर दिया जाएगा। माताओं-बहनों को 2100 रुपये देने की योजना को कैबिनेट की पहली बैठक में पारित किया जाएगा।

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