ज्ञानवापी मामले में वादी राखी सिंह ने खुला पत्र जारी किया है। उन्होंने हिंदू पक्ष की चार महिला वादिनी व कुछ अधिवक्ताओं पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। साथ ही राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है। उनका कहना है कि नौ जून की सुबह नौ बजे तक जवाब का इंतजार करेंगी, फिर आगे का फैसला लेंगी।

मुझे और मेरे परिवार को बदनाम किया जा रहा है। इसमें शासन व प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। झूठा प्रचार किया गया कि मैं, मुकदमा वापस लेना चाहती हूं। हम मानसिक दबाव झेल रहे हैं। अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इससे पहले ज्ञानवापी मामले के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन ने भी मुकदमों से हटने का एलान किया था।

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