ज्ञानवापी परिसर का बीती 4 अगस्त से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) कोर्ट के आदेश के बाद साइंटिफिक सर्वे कर रहा है। इस सर्वे में मिले रहे हिन्दू धर्म चिह्नों को संरक्षित करने के वाद में जिला जज की अदालत आज फैसला सूना सकती है। इस मामले में जिला जज की अदालत में 21 सितंबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है। इसके अलावा अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के द्वारा दी गयी ASI सर्वे रोकने की याचिका पर भी आज फैसला आ सकता है।
श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मूल वाद की वादी चार महिलाओं ने जिला जज की अदालत में एक प्रार्थना पत्र देकर पूर्व के कोर्ट कमीशन सर्वे और ASI के सर्वे में ज्ञानवपी परिसर में मिल रहे हिन्दू धर्म चिह्नों को संरक्षित करने की मांग की थी। वादी महिलाओं ने अधिवक्ताओं के माध्यम से यह आरोप लगाया था कि इसे दूसरा पक्ष नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि वह रोजाना परिसर में प्रवेश करता है। ऐसे में मिलने वाले सभी धार्मिक प्रतीक चिह्नों को जिलाधिकारी वाराणसी के पास संरक्षित किया जाए।
इस मामले में सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि जिलाधिकारी इस मामले में पक्षकार हैं। ऐसे में उन्हें इस बात का हक नहीं दिया जा सकता। दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसले की तारीख 26 सितंबर तय की थी, जिसपर आज जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी।
इसके अलावा अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने बिना फीस जमा किए और कोर्ट की ओर से रिट जारी किए बगैर ASI द्वारा सर्वे किए जाने कि बात कही है। इसपर हिन्दू पक्ष ने आपत्ति जताई थी और कहा कि कोर्ट के आदेश पर ASI सर्वे कर रही है। ऐसे में फीस जमा किया जाना आवश्यक नहीं है। इस मामले में भी कोर्ट आज फैसला सुना सकती है।