आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर का साइंटिफिक सर्वे किया जा रहा है। सर्वे में अभी तक परिसर की बाहरी और अंदुरूनी दीवारें, पश्चिमी दीवार, परिसर के तीनों प्रमुख गुंबद, परिसर में बने व्यास जी और दक्षिणी तहखाने का सर्वे किया जा रहा है। ASI की 40 सदस्यीय टीम 4 यूनिट में परिसर में सर्वे का काम कर रही है। 15 अगस्त को सुरक्षा कारणों से बंद रहा सर्वे का काम 16 अगस्त की सुबह 8 बजे से शुरू होगा। इसके पहले 14 अगस्त को साढ़े 5 घंटा सर्वे का काम हुआ था।
ASI के विशेषज्ञ 4 अगस्त से लगातार ज्ञानवापी परिसर के हर कोने की स्केचिंग, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, थ्रीडी मैपिंग के साथ ही साथ टोपोग्राफी शीट के माध्यम से दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। ASI की 40 सदस्य टीम में हर व्यक्ति की अपनी अलग दक्षता है। ऐसे में पूरी टीम अलग-आलाग हर हिस्से की जांच कर रही है ताकि कहीं से कोई भी एरिया छूटने न पाए। इसमें देश के अलग-अलग कोने से ASI के विशेषज्ञ सर्वे के लिए ज्ञानवापी परिसर पहुंचे हैं, जो रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
ASI के विशेषज्ञों ने सर्वे के लिए पूरे परिसर को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया है। पहला दल परिसर के हिस्सों की बारीकी से नापजोख कर रहा यही। एक दल उसकी ड्राइंग और फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी कर रहा है। तीसरा दल पत्थरों की आयु पर रिकार्ड तैयार कर रहा है तो चौथा दल मशीनों का इस्तेमाल कर बारीकी से सर्वे कर रहा है। इस दौरान विशेषज्ञ सभी रिपोर्टों का मिलान कर एक सेपरेट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।हर दल बारी-बारी से प्रत्येक स्थान की जांच कर रहा है। अपनी विशेषज्ञता के अनुसार रिपोर्ट बनाकर एक-दूसरे साथ साझा कर रहे हैं। इस तरह प्रत्येक स्थान की कई बार जांच हो जा रही है और कुछ भी सर्वे टीम की नजरों से चूक नहीं रहा है।