वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के तहखाना में हिन्दुओं को दोबारा पूजा-अर्चना करने की अनुमति देने को लेकर दायर याचिका पर बीते दिन यानी मंगलवार को वाराणसी जिला जज की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई। वाराणसी जिला जज डॉ. अजयकृष्ण विश्वेश ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। आज यानी 31 जनवरी को कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। हिन्दू वादी शैलेंद्र व्यास के अनुसार, उनके नाना और उनके परिवार 1993 तक सोमनाथ व्यास तहखाने में नियमित पूजा पाठ करते थे। उसके बाद तहखाने में पूजा पाठ पर रोक लग गई। इस समय यह तहखाना अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिकार में है। हिन्दू वादी ने याचिका में मांग की थी कि तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने के साथ वहां दोबारा पूजा शुरू करने की अनुमति दी जाए। वाराणसी जिला अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर डीएम ने बीते 24 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया है।
बीते दिन वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई के दौरान हिन्दू वादी शैलेंद्र व्यास ने इस मामले में नियमित पूजा पाठ की मांग की। इसके जवाब में अंजुमन इंतजामिया के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 17 जनवरी के फैसले में कोर्ट ने केवल रिसीवर नियुक्त करने का जिक्र किया है। उसमें पूजा-पाठ के अधिकार की कोई चर्चा नहीं है। इसलिए वाद को निस्तारित मानते हुए खारिज किया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।