लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दलितों, पिछड़ो, गरीबों, वंचितों, निर्दोषों पर लगातार अत्याचार होने का आरोप लगाते हुये समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि जो सरकार  प्रदेश का परमानेन्ट पुलिस महानिदेशक  नहीं दे सकती, वह कानून व्यवस्था कैसे ठीक रख सकती है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं है। हर तरफ अराजकता है। हत्या, लूट, चोरी और बलात्कार की घटनाएं बढ़ती जा रही है। बच्चियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं है। सत्ता संरक्षित दबंगों और अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। फिरोजाबाद में दबंगो ने एक युवक को यातनाएं दी, मारा पीटा और उसके साथ बर्बरता की, जिसे लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सरकार को नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह से नाकाम है। जो सरकार प्रदेश का परमानेन्ट डीजीपी नहीं दे सकती, वह कानून व्यवस्था कैसे ठीक रख सकती है। भाजपा सरकार में किसी को भी न्याय नहीं मिल रहा है। कहीं दबंग और अपराधी हत्याएं कर रहे हैं तो कहीं पुलिस निर्दोषों की पीटकर, एनकाउन्टर में मार देती है। प्रदेश में चोरी और लूट की घटनाएं बहुत बढ़ गयी हैं।

देश में सबसे ज्यादा फर्जी एनकाउन्टर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में हुए हैं। मानवाधिकार आयोग ने इसको लेकर सबसे ज्यादा नोटिसें प्रदेश सरकार को भेजी हैं। भाजपा सरकार को कानून और संविधान की कोई परवाह नहीं है। सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाती है और परेशान करती है। यादव ने कहा कि मेरठ में रविवार को एक ही दिन में चार लोगों की हत्या हो गयी। प्रदेश के अन्य जिलों में रोज हत्या की घटनाएं हो रही है। एक तरफ अपराधी सरेआम हत्याएं कर लोगों में दहशत पैदा कर देते हैं। वही दूसरी तरफ सरकार अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था के हवाई दावे कर अपनी पीठ थपथपाकर जनता को धोखा दे रही है। समाजवादी पार्टी लगातार मांग कर रही है कि सरकार प्रदेश के टापटेन माफियाओं की सूची जारी करे, लेकिन सरकार सूची क्यों नहीं जारी कर रही है।

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