बांदा: बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने अपनी जान खतरे की बात कही है। मुख्तार ने कहा कि अंसारी ने कहा कि सोनभद्र से ट्रांसफर होकर आए वार्डन से मेरी जान को खतरा है. मेरी जेल के अंदर हत्या की जाती है। बता दें कि मुख्तार अंसारी ने मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी के दौरान जज से सुरक्षा बढ़ाने की गुहार लगाई है। इस दौरान उन्होंने उक्त बातें कहीं।
कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने न्यायाधीश दिनेश चौरसिया से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। जज से अपनी जान को खतरा बताया। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर जेल के अंदर माफिया डॉन की निगरानी और भी ज्यादा सख्त कर दी गई है। वहीं, इस पूरे मामले पर जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि बुधवार को ही नए वार्डन सोनभद्र से ट्रांसफर होकर आए हैं। हालांकि, वह तैनाती के बाद से छुट्टी पर चले गए हैं।
ऐसे में जेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि नए वार्डन की ड्यूटी मुख्तार के बैरक से दूर रखी जाएगी। बैरक के आसपास उनकी ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि माफिया डॉन का उनसे आमना-सामना नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कोशिश ये रहेगी की मुख्तार अंसारी को पेशी के लिए दूसरे जिले में नहीं भेजा जाएगा। जेल के अंदर कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा। सर्कल गेट की गैलरी पूरी तरह बंद रहेगी। सुपरिटेंडेंट ने कहा कि जेल में 46 सीसीटीवी कैमरे हैं। 6 बॉडी वार्म कैमरे हैं सभी को पूरी तरह सक्रिय किया गया है।
गौरतलब है कि अतीक अहमद को साबरमती जेल और अशरफ अहमद को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। जहां उन दोनों से उमेश पाल हत्याकांड में पूछताछ हो रही थी। पूछताछ के दौरान ही पुलिस उन्हें रिमांड पर लेने के लिए मेडिकल जांच कराने अस्पताल ले गई थी, वहीं पर उन दोनों की हत्या कर दी गई। बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी शाइता परवीन फरार चल रही है।