केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उदयनिधि स्टालिन के ‘बाप के पैसे’ वाले तंज पर पलटवार किया है। निर्मला सीतारमण ने उदयनिधि स्टालिन को अपनी ‘जुबान पर कंट्रोल’ रखने की सलाह दी है।
असल में उदयनिधि ने दिसंबर की शुरुआत में केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु को कथित तौर पर धनराशि नहीं दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। उदयनिधि ने कहा था कि, ‘हम किसी के बाप का पैसा नहीं मांग रहे हैं। हम सिर्फ और सिर्फ तमिलनाडु के लोगों द्वारा भुगतान किए गए कर का हिस्सा मांग रहे हैं।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उदयनिधि स्टालिन के इसी बयान का जवाब देते हुए कहा कि, ‘जब वह मंत्री (उदयनिधि स्टालिन) हैं तो उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए और अपनी जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए।’
निर्मला सीतारमण ने कहा, “वह (उदयनिधि स्टालिन) पिता के पैसे के बारे में पूछ रहे हैं। क्या वह अपने पिता की संपत्ति का इस्तेमाल करके सत्ता का आनंद ले रहे हैं? क्या मैं ऐसा पूछ सकती हूं? उन्हें लोगों ने चुना है, तो क्या हम इसके लिए उनका सम्मान नहीं कर रहे हैं? राजनीति में माता-पिता को घसीटना ठीक नहीं है।”
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि, ”उदयनिधि, एक राजनीतिक नेता के रूप में अगर आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें अपनी जुबान और भाषा पर ध्यान देना चाहिए और ऐसे शब्द बोलने चाहिए जो उनकी स्थिति के अनुकूल हों।”
निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि केंद्र ने हाल ही में बारिश के प्रकोप के दौरान राज्य को 900 करोड़ रुपये पहले ही वितरित कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि, “मैं यह नहीं कह रही हूं कि यह मेरे पिता का पैसा है या उनके पिता का पैसा है।”