शाहदरा जिले के दिलशाद गार्डन इलाके के जीटीबी अस्पताल में भर्ती एक मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और केस दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी के मुताबिक रविवार शाम 4 बजे जीटीबी अस्पताल में गोली चलने की सूचना मिली थी। छानबीन में जीटीबी एनक्लेव थाना पुलिस को पता चला कि खजूरी खास की श्रीराम कॉलोनी में रहने वाले 32 वर्षीय रियाजुद्दीन की हत्या की गई है।
युवक को पेट में संक्रमण से 23 जून को अस्पताल में भर्ती किया गया था। पता चला है कि रविवार चार बजे 18 साल का एक लड़का आया और रियाजुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर फरार हो गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह हैरत की बात है कि तमाम सुरक्षा उपायों को धता बताते हुए आरोपी कैसे हथियार लेकर अस्पताल के भीतर चला गया और मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मी उसकी तलाशी क्यों नहीं ले पाए। हत्या का केस दर्ज कर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
मौके पर पहुंचे लोगों ने बताया कि अस्पताल के अंदर घुसकर मरीज की हत्या से पुलिस व गार्ड की डयूटी पर भी सवाल खड़ा हुआ है।
मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि जब कोई अपराधी मरीज की हत्या कर देता है तो अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा पर सवाल उठना जायज है।
परिजनों को यह नहीं पता कि आखिर रियाजुद्दीन की हत्या क्यों की गई। उनके अनुसार हमला करने के पीछे की वजह पता नहीं चल पाई है और न ही पुलिस कुछ बता रही है। इस घटना के बाद से अस्पताल के अन्य मरीज दहशत में हैं।
अस्पताल की चौथी मंजिल के वार्ड में रियाजुद्दीन भर्ती था। उसके बेड के ठीक सामने वाले कमरे में एक बदमाश वसीम भर्ती है। आशंका है कि हथियारबंद बदमाश वसीम (33) की हत्या करने आए थे, लेकिन गलती से रियाजुद्दीन की हत्या कर चलते बने। जिस समय रियाजुद्दीन की हत्या हुई, उस समय एक महिला डॉक्टर और उसकी बहन भी वहीं खड़ी थी।
पुलिस ने बताया कि जीटीबी अस्पताल में भर्ती बदमाश वसीम को गोली लगी थी। 12 जून को वेलकम इलाके में हुए एक गैंगवार में बदमाशों ने वसीम और दोस्त आसिफ पर जानलेवा हमला किया था।
बताया जाता है कि चार गोलियां लगने के बाद वसीम पिछले एक माह से इसी वार्ड में भर्ती है, जहां एक मरीज की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। अचानक चली गोली की आवाज सुनकर वहां अफरातफरी मच गई, लेकिन वहां मौजूद लोग और अस्पताल के किसी गार्ड ने भी आरोपियों को पकड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई।