नई दिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भारत की दो दिन की यात्रा पर सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने उनका स्वागत किया। इसके बाद किशिदा  ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। चीन की बढ़ती सैन्य मुखरता की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति के बारे में मोदी और किशिदा के बीच व्यापक वार्ता में चर्चा होने की संभावना है। जापानी प्रधानमंत्री की यात्रा लगभग 27 घंटे तक चलने की उम्मीद है।

पंद्रह साल पहले शिंजो आबे ने पहली बार अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान इंडो-पैसिफिक सहयोग के बारे में बात की थी। किशिदा और मोदी दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में बाल बोधि वृक्ष का दर्शन भी करेंगे। विदेश मंत्रालय ने 10 मार्च को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि दोनों नेता पारस्परिक हित के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

 

किशिदा ने मार्च, 2022 में भारत की आधिकारिक यात्रा की थी और उसके बाद मई, 2022 में पीएम मोदी ने क्वाड शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए टोक्यो की यात्रा की थी। बता दें, क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए जापान के विदेश मंत्री योशीमासा हयाशी तीन मार्च को कुछ घंटों के लिए भारत आये थे। हयाशी और विदेश मंत्री डाक्टर एस जयशंकर के बीच द्विपक्षीय बैठक में जापानी पीएम और भारतीय पीएम के बीच होने वाली शिखर वार्ता की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई थी।

जापान के विदेश मंत्री ने जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था, जिसको लेकर वहां की मीडिया ने किशिदा सरकार की काफी तीखी आलोचना की थी। एक अखबार ने यहां तक लिखा था कि किशिदा को वैश्विक कूटनीति की जीरो समझ है और उन्होंने अपने रणनीतिक साझेदार देश भारत को नाराज किया है।

यह भी बताया गया कि दुनिया के सबसे अमीर सात देशों के संगठन जी-7 की बैठक मई, 2023 में जापान में हो रही है और उसमें हिस्सा लेने के लिए किशिदा पीएम मोदी को भी आमंत्रित करेंगे। मोदी पहले भी जी-7 की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर हिस्सा लेते रहे हैं।

आस्ट्रेलिया के पीएम के आने के बाद मोदी जून या जुलाई, 2022 में वहां की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह यात्रा क्वाड शिखर बैठक के लिए होगी। इसके बाद किशिदा और अलबिनीज दोनों सितंबर, 2024 में जी-20 की शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली आएंगे।

भारत और जापान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी है, जिसमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।

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