पटना कोर्ट द्वारा बिहार में जातिगत जनगणना कराने के नीतीश कुमार की सरकार के फैसले को सही ठहराया गया है। जिसके बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं। उन्होंने कई बार कहा कि जातिगत जनगणना से बीजेपी डरी हुई है। वहीं, गुरुवार को तेजस्वी यादव ने बताया कि जातिगत जनगणना क्यों जरूरी है। उन्होंने जातिगत जनगणना की महत्ता को भी समझाया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम जाति जनगणना नहीं चाहते, यह जाति आधारित सर्वेक्षण है। जाति जनगणना संविधान के अनुसार केंद्र सरकार का अधिकार है… इससे हमें संख्याएं मिलेंगी और हमें वैज्ञानिक डेटा मिलेगा। हम एक आर्थिक सर्वेक्षण भी करेंगे। क्योंकि हमारा मानना है कि हर वर्ग में लोग गरीब हैं। हम गरीबी कहां है यह जानने के बाद योजनाएं लाएंगे और उन्हें लाभ पहुंचाएंगे। अगर हमें आर्थिक स्थिति का पता नहीं तो कैसे तय कर सकते हैं कि किसे आरक्षण मिलना चाहिए?
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि हमने इसके लिए सड़क से विधानसभा तक संघर्ष किया। जब मैं विपक्ष का नेता था, तो हमने विधानसभा में प्रस्ताव दिया था कि वह सभी दलों के लोगों को साथ रखें। साथ मिलकर इस बारे में पीएम से बात करेंगे। हम तब और अधिक चिंतित हो गए, जब केंद्र सरकार ने जाति जनगणना के सवाल को नजरअंदाज कर दिया और हम प्रधानमंत्री से मिले। पीएम ने कुछ नहीं किया। उसके बाद, हमने संसद में फिर से एक सवाल पूछा, और इसे खारिज कर दिया गया था।