विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि खांसी की जहरीली दवाई दुनियाभर के लिए खतरा बनी हुई है। नाइजीरियाई की एजेंसी फॉर फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन एंड कंट्रोल ने 17 जून को एक नोटिफिकेशन में कहा कि मुंबई स्थित सिनकेयर द्वारा निर्मित ओरल पैरासिटामोल सस्पेंशन के एक बैच में जहरीले पदार्थ पाए गए हैं। मुंबई की कंपनी द्वारा निर्मित पैरा क्लियर सस्पेंशन 125 को बीवीएम फार्मास्युटिकल, लाइबेरिया द्वारा इंपोर्ट किया जाता है। जांच के बाद लाइबेरिया ने पैरा क्लियर के 250 कार्टन को जब्त कर लिया है, जिसमें जहरीले एथिलीन ग्लाइकॉल शामिल हैं। लाइबेरिया में दवा की जांच के लिए सुविधा नहीं है।
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जहरीली खांसी की दवाई दुनियाभर के लिए खतरा बनी हुई है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वह बच्चों की इस घातक दवा को ट्रैक करने के लिए छह और देशों के साथ काम कर रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने उन देशों का नाम बताने से इंकार किया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कई देश ऐसे हैं, जहां यह दवा बिक्री के लिए उपलब्ध हो सकती है। गौरतलब है कि पिछले साल कई देशों में इस दवा से 300 से अधिक शिशुओं की मौत हो गई थी।
रॉयटर्स के अनुसार इस हफ्ते की शुरुआत में नाइजीरिया के रेगुलेटर ने लाइबेरिया में बेचे जाने वाले दूषित पेरासिटामोल सिरप के बारे में चेतावनी जारी की थी, हालांकि वहां कोई मौत नहीं हुई है। नाइजीरियाई रेगुलेटर उन सिरपों का परीक्षण कर रहा था, जो नाइजीरिया में नहीं बेचे गए क्योंकि लाइबेरिया में परीक्षण की कोई सुविधा नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने पिछले साल गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में और इस साल माइक्रोनेशिया और मार्शल आयलैंड समूह में भारतीय दवा उत्पादों के लिए सेफ्टी अलर्ट जारी किए थे।