उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को चुनाव प्रचार के लिए निकलने से पहले गोरखनाथ मंदिर परिसर में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा, “कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र कहा जाना अपने आप में हास्यास्पद है। वास्तव में यह अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जातियों के प्रति, भारत की सनातन आस्था के प्रति अन्याय पत्र है। कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग के नए वर्जन जैसा है, लेकिन ये लोग अब जनता की आंख में धूल झोंक कर सत्ता नहीं हथिया पाएंगे। मोदी जी के नेतृत्व में पूरा देश एकजुट होकर एक भारत- श्रेष्ठ भारत के दर्शन कर रहा है।”
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी द्वारा भाजपा पर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाए जाने के सवाल पर सीएम योगी ने कहा, “सफेद झूठ बोलने के बजाय कम से कम सोनिया गांधी को तो सच बोलने की आदत डालनी चाहिए।”
सीएम योगी ने कहा, “सोनिया गांधी जी की तरफ से भाजपा पर लगाया गया झूठा आरोप ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ को चरितार्थ करने जैसा है। यह हर व्यक्ति जानता है, बांटों और राज करो की नीति कांग्रेस को विरासत में प्राप्त हुई है। अंग्रेजों की कुटिल चाल को 1947 में कांग्रेस ने सफल होने दिया और देश का बंटवारा किया।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “आजादी के बाद राजनीतिक स्वार्थ के कारण जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर देश के अंदर वर्ग संघर्ष को कांग्रेस ने बढ़ावा दिया। आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद, यह सब कांग्रेस की ही देन है। “
सीएम ने सवालिया अंदाज में कहा कि यूपीए चेयरपर्सन के रूप में सोनिया गांधी जी ने 2004 से लेकर 2014 के बीच में क्या किया, यह कौन नहीं जानता। उस समय क्या यह सच नहीं कि ओबीसी के आरक्षण पर सेंधमारी लगाने के लिए जस्टिस रंगनाथ मिश्रा की कमेटी इन्होंने गठित की थी। जिसमें कहा गया था कि ओबीसी के आरक्षण में से 6 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को दे दिया जाए। भाजपा और एनडीए ने उस समय विरोध किया था और कांग्रेस के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए।
यही नहीं, एससी- एसटी के अधिकारों पर भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने घुसपैठ करने का प्रयास किया था। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में मुसलमानों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रयास भी कांग्रेस सरकार के समय में हुआ था। लेकिन एनडीए और बीजेपी के विरोध से कांग्रेस के मंसूबे पूरे नहीं हो पाए।
सीएम योगी ने कहा, “ओबीसी के आरक्षण में से कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में सेंध लगाने का कार्य कांग्रेस ने किया। यह ओबीसी के अधिकारों का पूरी तरह हनन है। देश को जाति, भाषा, क्षेत्र के आधार पर बांटने की कुचेष्टा कांग्रेस ने की थी। अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने जिस प्रकार की बातों का उल्लेख किया है, यह भारत की सनातन आस्था पर प्रहार तो है ही, समाज में वर्ग संघर्ष की स्थिति को पैदा करने वाला है। कांग्रेस की मंशा भारत की जनता कभी पूरा नहीं होने देगी, क्योंकि विभाजनकारी राजनीति किसी के हित में नहीं है।