हाईकोर्ट ने कहा कि ‘आप’ को भी अन्य राजनीतिक दलों की तरह राजधानी में पार्टी कार्यालय के लिए जगह लेने का अधिकार है। उसने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से छह हफ्ते के भीतर फैसला करने को कहा है।
कोर्ट ने यह निर्देश आप को अस्थायी कार्यालय के लिए एक आवासीय इकाई देने के मुद्दे पर किया है। जबकि उसे कार्यालय के लिए स्थायी जमीन या आवास देने के मुद्दे पर 10 जुलाई को सुनवाई होनी है। आप को अपना कार्यालय दीन दयाल उपाध्याय मार्ग से 15 जून तक खाली करना है। क्योंकि यह जगह दिल्ली हाईकोर्ट को आवंटित किया गया है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को दिल्ली में जनरल पूल (आवासीय आवंटन प्रणाली) से लाइसेंस शुल्क के भुगतान पर कार्यालय के लिए एक आवासीय इकाई का अधिकार है। यह तब तक के लिए है जब तक उन्हें अपना दफ्तर बनाने के लिए ज़मीन नहीं मिल जाती।
उन्होंने यह भी कहा कि आवासीय इकाई के लिए काफी मांग या जनरल पूल (जीपीआरए ) के उपलब्ध नहीं रहने के आधार पर आप को आवासीय इकाई की मांग को अस्वीकार करने का कारण नहीं हो सकता है। इस दशा में केंद्र व संबंधित विभागों को निर्देश दिया जाता है कि वे आज से छह सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता के अनुरोध पर विचार करें और एक विस्तृत आदेश पारित करके निर्णय लें कि जीपीआरए से एक भी आवासीय इकाई याचिकाकर्ता को क्यों नहीं आवंटित की जा सकती है। जबकि अन्य सभी राजनीतिक दलों को जीपीआरए से समान आवास आवंटित किया गया है।
न्यायमूर्ति ने केंद्र से अपने फैसले की प्रति याचिकाकर्ता आप को भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ‘आप’ की मांग को केंद्र सरकार खारिज करती है तो पार्टी कानून के तहत उचित कदम उठा सकती है। ‘आप’ ने एक राष्ट्रीय दल के तौर पर मान्यता मिलने के आधार पर पार्टी कार्यालय के लिए जमीन देने एवं वहां कार्यालय के निर्माण होने तक राजधानी में एक अस्थायी आवासीय इकाई देने की मांग की है। उसने इसको लेकर दो याचिकाएं दाखिल की है।
आप ने कहा था कि दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मार्ग पर एक आवास जो वर्तमान में दिल्ली सरकार के एक मंत्री के पास है। उसे अस्थायी रूप से आवंटित किया जाए। न्यायमूर्ति ने कहा कि पक्षकार डीडीयू मार्ग की संपत्ति पर हक का दावा नहीं कर सकता, क्योंकि यह दिल्ली सरकार को दी गई थी, पक्षकार को नहीं।
रिकार्ड के अनुसार, कब्जा एलएंडडीओ (भूमि एवं विकास कार्यालय) को सौंपा जाना है। उन्होंने कहा कि भले ही वह ‘आप’ को डीडीयू मार्ग स्थित परिसर में अपना कार्यालय स्थापित करने की अनुमति नहीं दे सकता है, लेकिन इस तथ्य को नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि यह एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल है।