जयपुर। प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए गठित पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की पहली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई मंत्रियों व नेताओं को खरी-खरी सुनाई। कांग्रेस वॉर रूम के बंद कमरे में हुई चर्चा के दौरान जहां कई नेताओं ने सुझाव के बहाने मुख्यमंत्री गहलोत को उलाहना दिया वहीं सीएम ने भी नेताओं को सुनाने में कसर नहीं छोड़ी। यह सब कुछ पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के.सी. वेणुगोपाल की मौजूदगी में हुआ। दरअसल, बैठक के दौरान केबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, पूर्व मंत्री रघु शर्मा, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी खासतौर पर मुख्यमंत्री के निशाने पर रहे।

गहलोत ने रघु की बात को काटते हुए तल्ख लहजे में कहा कि जातिगत जनगणना का मुद्दा उनका नहीं, पार्टी का नेशनल स्टैंड है, राहुल गांधी का स्टैंड है, आप तो बड़े नेता हो। सीधे दिल्ली जाकर राहुल गांधी को कह दो, जिसके बाद रघु शर्मा चुप हो गए।

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि विधानसभा चुनाव में अग्रेसिव एप्रोच की जरूरत है। भाजपा से आक्रामक होकर लड़ना होगा, बगैर आक्रामक हुए काम नहीं चलेगा।

गहलोत ने कहा कि पता है तुम कितने एग्रेसिव हो, बोलते-बोलते ट्रैक से उतर जाते हो, क्या बोलना है क्या नहीं बोलना है। यह तो वेणुगोपाल जी हैं, जो तुमको बर्दाश्त कर रहे हैं। अगर मैं होता तो एक ही दिन में बता देता कि अनुशासनहीनता क्या होती है। मुख्यमंत्री के इतना बोलते ही बैठक में सन्नाटा पसर गया।

रघुवीर मीणा ने बैठक में अपनी नाराजगी की जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने मानगढ़ धाम में ओबीसी आरक्षण की घोषणा की है, जिससे आदिवासियों में नाराजगी है। इससे हमें नुकसान हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप लगातार 3 विधानसभा चुनाव हारे हैं, फिर भी पार्टी हाईकमान ने आपको राज्यसभा का मेंबर बनाया है। अब कम से कम एक सीट तो जिताकर पार्टी की झोली में डाल दो। राज्यसभा सांसद हो तो पूरे प्रदेश में पार्टी का प्रचार करो, बयान देने से कुछ नहीं होगा।बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को भी नसीहत देते हुए कहा कि आप केवल अपने क्षेत्र के नेता नहीं हो, जिले के मालिक हो। अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ आस-पास के विधानसभा क्षेत्र में भी जाकर काम करो, जनता की समस्याएं सुनो और उन्हें दूर करने का प्रयास करो। खाली अपने विधानसभा क्षेत्र में बैठने से कम नहीं चलेगा। बैठक में विधानसभा स्पीकर सी.पी. जोशी, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा सहित कई अन्य नेताओं ने भी अपने सुझाव रखे।

गहलोत ने मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि लाख प्रयासों के बावजूद भी शाह और मोदी राजस्थान की चुनी हुई सरकार को नहीं गिरा पाए, इसलिए अब उनके दिलों में आग लगी हुई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार को बदनाम करने के लिए गृह मंत्रालय में रोज षड्यंत्र रचे जा रहे हैं, हमें इसकी जानकारी है। राजस्थान की जनता ने उस वक्त हमारा साथ दिया था और जनता के आशीर्वाद से सरकार बची थी। सीएम ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाली कमेटी से सीजेआई को बाहर रखने के बिल को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए। गहलोत ने कहा कि पार्टी का इस पर क्या स्टैंड है, मुझे नहीं पता लेकिन मेरा व्यक्तिगत मानना है कि सरकार की मंशा क्या है? सरकार के इस फैसले से मुख्य चुनाव आयुक्त की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होंगे।

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