महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में लगातार चर्चा जारी है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और स्मृति ईरानी समेत तमाम दिग्गज नेताओं के बाद अमित शाह ने इस बिल पर सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। अमित शाह ने कहा कि 19 सितंबर का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं।महिला आरक्षण पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि चुनाव के ठीक बाद परिसीमन और जनगणना करवाई जाएगी। इस बिल को लटकाने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये संविधान संशोधन पांचवीं बार पेश हुआ है, इससे पहले 4 बार पेश हुआ था। लेकिन तब ऐसा क्या हुआ कि यह विधेयक पास नहीं हो पाया। देवगौड़ा जी से लेकर मनमोहन सिंह जी ने प्रयास किया, लेकिन ये पास नहीं हुआ, आखिर ऐसी कौन सी वजह थी। क्या मंशा अधूरी थी या कुछ लोगों ने इसे पास नहीं होने दिया?
#WATCH कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है लेकिन भाजपा के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानयता का सवाल है: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान… pic.twitter.com/c99PXRFKLi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 20, 2023अमित शाह ने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए, महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा और चुनाव जीतने का एक राजनीतिक उपकरण हो सकता है, लेकिन भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि सिद्धांत का विषय है।
अमित शाह ने कहा कि इस बिल के पारित होने से महिलाओं के अधिकारों की लंबी लड़ाई खत्म हो जाएगी। जी 20 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास का विजन पूरी दुनिया के सामने रखा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देवियों के तीन स्वरूप हैं दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी। मां दुर्गा शक्ति स्वरूपा हैं, सरस्वती विद्या और मां लक्ष्मी वैभव का स्वरूप हैं। इन तीनों स्वरूपों ने हमारे पुर्खों ने मां की ही कल्पना की है। उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी जड़े भारत से नहीं जुड़ी है।