जयपुर। हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने प्रदेश के न्यायालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की लंबे समय से अटकी भर्ती को हाईकोर्ट स्तर पर ही कराने का निर्णय किया है, पहले इसे कर्मचारी चयन बोर्ड से कराया जाना था। वहीं 41 अधिकारियों की जिला न्यायाधीश कैडर में अस्थाई पदोन्नति को नियमित करने व कुछ अधिकारियों को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में एडहाॅक पदोन्नति दी जाएगी। अधिवक्ता ब्रह्मानंद सांदू को राजकीय अधिवक्ता बनाने को हरी झंडी दी गई, वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता भुवनेश शर्मा को राजकीय अधिवक्ता बनाने के प्रस्ताव को रोकते हुए रजिस्ट्रार जनरल से कुछ और जानकारी एकत्र करने को कहा है।
हाईकोर्ट न्यायाधीशों की सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्णपीठ की बैठक हुई। कई साल पहले हाईकोर्ट सहित प्रदेश की विभिन्न अदालतों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिनकी संख्या अधिक होने के कारण अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा लेकर छंटनी करने का निर्णय किया गया। इसके लिए इन कर्मचारियों की भर्ती के नियमों में परीक्षा का प्रावधान किया गया। बाद में हाईकोर्ट की पूर्णपीठ की मंडावा में हुई बैठक में इस भर्ती को कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से कराने का निर्णय किया गया, लेकिन बोर्ड इस स्तर के कर्मचारियों की केवल साक्षात्कार के माध्यम से ही भर्ती कर सकता है। बोर्ड इस स्तर के कर्मचारियों की परीक्षा नहीं करा सकता है। ऐसे में हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने इन कर्मचारियों की कर्मचारी चयन बोर्ड के जरिए भर्ती का निर्णय वापस ले लिया।