खतौनी में नाम चढ़ाने के बदले चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी के पेशकार ने 50 हजार की रिश्वत मांगी। मामले की शिकायत सीओ एंटी करप्शन से की गई। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने लिपिक को दस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। थाना इज्जतनगर में आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी इज्जतनगर थाने के लाकअप में है। उसे जेल भेजा जा रहा है।

एंटी करप्शन टीम ने चकबंदी अधिकारी के पेशकार को उसके दफ्तर से दस हजार की रिश्वत लेते मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पीलीभीत में बरखेड़ा के रहने वाले सुनील कुमार को किला की रहने वाली सुधा अग्रवाल पत्नी विजय अग्रवाल ने अपने यहां मैनेजर रखा था। सुधा अग्रवाल बुजुर्ग हैं। उनकी मोहनपुर की भूमि गाटा संख्या 111 का पर्चा 45 मिल चुका है। सुधा अग्रवाल ने इसी पर्चे के क्रम में अपना नाम खतौनी में अंकित कराने के लिये चकबंदी अधिकारी अनुराग दीक्षित के आफिस में की थी। उनके पेशकार अभय सक्सेना ने नाम दर्ज कराने के बदले 50 हजार की रिश्वत मांगी।

प्रेमनगर में गुलाबनगर के रहने वाले मूल रूप से आफीसर्स एन्कलेव कर्मचारी नगर के रहने वाले अभय सक्सेना चकबंदी पेशकार हैं। उन्होंने खतौनी में नाम दर्ज कराने के 50 हजार रुपये मांगे। सुनील कुमार ने इसकी शिकायत सीओ एंटी करप्शन यशपाल सिंह से की। इसके बाद सीओ ने डीएम से दो सरकारी गवाह लिये। मंगलवार को वादी सुनील कुमार को दस हजार रुपये की पहली किश्त लेकर चकबंदी आफिस भेजा गया। सुनील कुमार ने दस हजार रुपये का पैकेट जैसे ही पेशकार अभय सक्सेना को दिया। एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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