झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की खबर बीते कई दिनों से मीडिया में चल रही है। दावा किया गया कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चंपई सोरेन अपने समर्थक कुछ विधायकों के साथ भगवा पार्टी का दामन थाम सकते हैं। इसके बाद चंपई सोरेन का बीते दिनों बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अत्यधिक अपमान’झेला जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए। लेकिन अब झामुमो नेता की तरफ से एक नया बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने बीजेपी में जाने की अटकलों पर विराम लगाया है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता चम्पाई सोरेन ने कहा कि मेरी किसी से मुलाकात नहीं हुई। मैं यहां (दिल्ली) किसी निजी काम से आया था। मैं उनसे (भाजपा नेता से) मिलना नहीं चाहता था। भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि यह सब कौन कह रहा है?
बता दें कि चंपई सोरेन ने एक्स पर लिखा था कि इतने अपमान एवं तिरस्कार के बाद मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में उन्हें बताए बगैर पार्टी नेतृत्व ने अचानक उनके सारी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। चंपई सोरेन ने कहा, “पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा तीन जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है और मुझसे कहा गया कि तब तक आप मुख्यमंत्री के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते। क्या लोकतंत्र में इससे अधिक अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे?
भाजपा की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं को लेकर उनके साथ अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। मरांडी ने कहा कि चंपई एक मंझे हुए नेता हैं और वह अपनी आगे की राह के बारे में निर्णय खुद लेंगे। मरांडी ने कहा कि चंपई सोरेन से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। वह एक मंझे हुए नेता हैं और झारखंड राज्य के गठन के लिए चलाये गए आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं। वह अपनी आगे की राह के बारे में निर्णय खुद लेंगे।