आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक दिन पहले मंगलवार को तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी घोषित किया।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार तीन राजधानियों के नाम पर राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करेगी और अमरावती को राजधानी के रूप में विकसित करने का काम जारी रखेगी।
राज्य की राजधानी के रूप में अमरावती के विकास को रोकने के लिए पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “(राज्य से तेलंगाना के अलग होने के) 10 साल बाद भी हम यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि राज्य की राजधानी कहां है।”
जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने के टीडीपी सरकार के निर्णय को 2019 में पलट दिया था और कहा था कि राज्य की तीन राजधानियां होंगी।
वाईएसआरसीपी सरकार ने विशाखापत्तनम को राज्य की प्रशासनिक राजधानी, करनूल को न्यायिक राजधानी और अमरावती को विधायिका संबंधी राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था।
बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे नायडू ने कहा, “अमरावती ही हमारी राजधानी है।”
नायडू ने कहा कि विशाखापत्तनम को एक आधुनिक शहर और वित्तीय राजधानी के रूप में, तथा करनूल को हर मामले में विकसित किया जाएगा।
नायडू ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए केंद्र की मदद की जरूरत है।
टीडीपी प्रमुख ने कहा कि उनकी सरकार ‘जनता की सरकार’ होगी और प्रजा वेदिका की तरह कोई विध्वंस नहीं होगा। प्रजा वेदिका नाम से एक मीटिंग हॉल नायडू के शासनकाल में बनाया गया था जिसे पिछली सरकार ने गिरा दिया था।
वाईएसआरसीपी सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए नायडू ने कहा कि लोगों ने टीडीपी को अभूतपूर्व जनादेश दिया है। उन्होंने कहा, “हमने 93 प्रतिशत सीटें जीती हैं। देश में पहली बार ऐसा हुआ है।”
टीडीपी प्रमुख ने कहा कि आंध्र प्रदेश के सामने कई समस्याएं हैं। राज्य पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। सभी वर्ग के लोग परेशान हैं। किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है।
नायडू ने आश्वासन दिया कि उनकी यात्राओं के दौरान दुकानें और सड़कें बंद नहीं कराई जाएंगी। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री भी आम इंसान है। यह पद सेवा के लिए है, प्रभुत्व के लिए नहीं। मैंने कह दिया है कि मेरे काफिले के जाने से लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।”