2,000 रुपए के नोट चलन से बाहर होने के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार मोदी सरकार पर हमलावर बनीं हुई है। लेकिन आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने आरबीआई के फैसेल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि 2,000 रुपए के नोट को बंद करना एक अच्छा संकेत है।

आंध्र प्रदेश में शुक्रवार को (20मई) एक जनसभा को संबोधित करते हुए नायजू ने कहा कि, ‘2,000 रुपए के नोटों पर प्रतिंबध लाने का निर्णय निश्चित रुप से एक अच्छा संकेत है। मैंने तो बहुत पहले ही डिजिटल करेंसी पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है और नोटों को रद्द करने से निश्चित रुप से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।’

चंद्रबाबू नायडू ने का कि, चुनावों के दिनों में राजनेता वोटर्स को लुभाने के लिए पैसे देकर इलेक्शन जीतने का प्रयास करते हैं और इसके लिए 2,000 रुपए के नोट की बड़ी भूमिका रहती है। अब नोट बंद होने से इसके काफी हद तक रोका जा सकता है। आरबीआई ने शुक्रवार को ऐलान किया कि 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को संचलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी वे वैध मुद्रा बने रहेंगे। 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक लोग इन्हें बैंकों में जाकर वापिस कर सकते हैं।

तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति ने आरबीआई द्वारा 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की। बीआरएस के प्रवक्ता श्रवण दासोजू ने शुक्रवार रात एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘भारत सरकार का 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला पूरी तरह से बेतुका और अतार्किक है। वास्तव में नरेन्द्र मोदी ने साबित किया है कि वह एक अक्षम प्रधानमंत्री हैं और 2016 में की गयी नोटबंदी पूरी तरह से विफल थी।”

नोटबंदी को बड़ा ‘घोटाला’ करार देते हुए दासोजू ने मोदी से सवाल किया कि 2016 में नोटबंदी के दौरान दिए गए उन बयानों का क्या हुआ, जिनमें कहा गया था कि इससे ‘‘काले धन और आतंकवादियों की घुसपैठ पर लगाम” लगेगी। उन्होंने पूछा कि 2016 में सरकार ने 1,000 के नोट क्यों बंद किए और 2,000 के नोट लेकर क्यों आए।

 

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