उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का कुख्यात गैंगस्टर विनोद कुमार उपाध्याय एनकाउंटर में मारा गया है। सुल्तानपुर में एसटीएफ ने शार्प शूटर विनोद उपाध्याय को एक एनकाउंटर में ढेर किया है। विनोद उपाध्याय एक हिस्ट्रीशीटर था, उसके खिलाफ 35 मुकदमे दर्ज थे। विनोद उपाध्याय एक लाख का ईनामी भी था। एनकाउंटर एसटीएफ मुख्यालय के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह की टीम ने किया है।
हाइलाइट्स
- गोरखपुर का माफिया विनोद उपाध्याय को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया है।
- विनोद उपाध्याय उत्तर प्रदेश के टॉप-61 माफिया की लिस्ट में शामिल था।
- विनोद उपाध्याय पर 35 मुकदमे दर्ज थे। लेकिन सजा एक में भी नहीं हुई थी।
शुक्रवार (05 जनवरी) तड़के जब एसटीएफ की टीम ने विनोद उपाध्याय के घर को चारों ओर से घेरा तो अंदर से फायरिंग होने लगी। विनोद उपाध्याय ने एसटीएफ टीम पर कई राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ टीम ने भी फायरिंग शुरू की, जिमसें विनोद को गोली लगी। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इससे पहले विनोद उपाध्याय के तीन साथियों को पुलिस ने अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपियों पर गोरखपुर जिले में फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने का आरोप था।
- विनोद उपाध्याय अयोध्या जिले के पुरवा का रहने वाला था। विनोद उपाध्याय गिरोह बनाकर अपना गोरखपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, लखनऊ में वारदात को अंजाम देता था।
- विनोद उपाध्याय गोरखपुर के टॉप माफियाओं की लिस्ट में शामिल था। यूपी के टॉप 61 माफियाओं में भी इसका नाम था।
- माफिया विनोद उपाध्याय को पकड़ने के लिए काफी वक्त से यूपी पुलिस कोशिश कर रही थी। यूपी एसटीएफ को विनोद उपाध्याय की तलाश पिछले 7 महीनों से थी।
- सितंबर 2023 में यूपी पुलिस ने उस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था। एसटीएफ और गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम इसे कई महीनों से खोज रही थी।