अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी लगातार यूपी और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। उन्होंने तीनों शूटरों को आतंकी बताते हुए सवाल पूछा है कि आखिर आरोपियों पर यूएपीए क्यों नहीं लगाया गया? हैदराबाद में लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि तीनों आरोपी गोडसे के नक्शे कदमों पर चल रहे हैं।
एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने कहा, ”उन्होंने (अतीक अहमद और उसके भाई पर गोली चलाने वाले) कहा कि हम मशहूर होना चाहते थे। ये मशहूर होना नहीं है, ये वो ग्रुप है जिसे हम टेरर सेल कहते हैं।…हम पूछना चाहते हैं कि उनपर UAPA क्यों नहीं लगा? उन्हें 8 लाख का हथियार किसने दिया? आप याद रखो कि ये आतंकवादी हैं, ये रेडिक्लाइज हो चुके हैं। ये गोडसे के नक्शे कदमों पर चल रहे हैं।”
उन्होंने यूपी पुलिस की भी आलोचना करते हुए कहा कि अधिकारियों ने उन शूटरों पर एक भी गोली नहीं चलाई, जिन्होंने हिरासत में अतीक और उसके भाई अशरफ को मार डाला था। ओवैसी ने कहा, ”हमारे देश में, जो हथकड़ी में हैं, जो पुलिस हिरासत में हैं, वे मारे जा रहे हैं। जब गोलियां चलीं, तो उनके आसपास के पुलिस कर्मियों ने एक गोली भी नहीं चलाई। ऐसा लग रहा था कि वे (पुलिस) बारात (शादी की बारात) में आए हैं।”
अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को 15 अप्रैल को मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकारों के रूप में खुद को पेश करने वाले तीन लोगों ने काफी नजदीक से गोली मार दी थी। उस समय दोनों को पुलिसकर्मी जांच के लिए यहां एक मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी। ओवैसी ने हत्यारों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले महंगे हथियारों के स्रोत पर भी सवाल उठाया है। एआईएमआईएम सांसद ने कहा, “शूटर्स ने इस्तेमाल किए गए प्रत्येक हथियार की कीमत 8 लाख रुपये थी। उन्हें पैसे कैसे मिले? ये हत्यारे प्रशिक्षित हैं, एक आतंकी सेल का हिस्सा हैं।”
ओवैसी ने पिछले साल अपने वाहन पर हुए हमले को याद करते हुए कहा, “जब मुझ पर गोलियां चलाई गईं, तो ‘जय श्री राम’ के समान नारे लगाए गए।” ओवैसी की कार पर हापुड़ में उस समय हमला किया गया था जब वह 3 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनाव संबंधी कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद दिल्ली लौट रहे थे। ओवैसी ने लोगों से डर में नहीं जीने का आग्रह करते हुए कहा, “हो सकता है कि वे मुझे मारने का एक और प्रयास करेंगे, लेकिन मुझे डर नहीं है।”