लोकसभा से विपक्ष के वॉकआउट पर गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने उन पार्टियों के निशाने पर लिया, जिन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख ने कहा कि अगर वोटिंग से भागना ही था तो प्रस्ताव लाए ही क्यों। उन्होंने एक बयान में कहा, “विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक साथ आए थे, लेकिन जब मतदान का समय आया, तो वे बाहर चले गए। हर कोई जानता है कि बीजेपी ने बहुमत है लेकिन अगर उन्हें भागना ही है तो अविश्वास प्रस्ताव बुलाने का क्या मतलब है। उन्होंने सही काम नहीं किया है।”
ये वॉकऑउट सुनकर बड़ी मायूसी हुई। क्योंकि पिछले दो- चार महीनों से एक ही मुद्दे पर सभी एक हुए थे। लेकिन वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस की बात आई, तो फिर छोड़ दिया। ये सब को पता है की एडीए से अगल बीजेपी की अपनी खुद का बहुमत है। अगर भागना ही था अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाना था। अगर लाए तो वोट डालना था। लेकिन ये ठीक नहीं किया।