कानपुर: कानपुर में कुशाग्र हत्याकांड को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, हत्यारोपी प्रभात शुरुआत से ही पूरे मामले में पुलिस को गुमराह कर रहा था। उसने पूरा दोष अपने साथी शिवा पर मढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उसकी एक ना चली। पूछताछ के दौरान जब एक पुलिसवाले ने प्रभात पर थप्पड़ों की बरसात की तो उसने सबकुछ कबूल लिया।
प्रभात ने पुलिस को बताया कि शिवा कुशाग्र का दोस्त था। उसी ने उसे मार दिया होगा। पुलिस ने जब उसके साथी शिवा और गर्लफ्रेंड रचिता से कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि शिवा और रचिता से अकेले में पूछताछ के बाद प्रभात की पोल खुल चुकी थी, लेकिन फिर भी प्रभात गुमराह करने में जुटा हुआ था। जब पुलिस को समझ आया कि प्रभात झूठ बोल रहा है तो सच उगलवाने के लिए एक अधिकारी ने प्रभात पर थप्पड़ चलाने शुरू किए। जिसके कुछ ही मिनट बाद में उसने सारा सच उगल दिया।
पहले प्रभात ने कहा कि वो 30 लाख फिरौती नहीं मांगना चाह रहा था। वो एक लाख में संतुष्ट था। मगर शिवा ने फिरौती वाले लेटर में 30 लाख रूपए खिलवाए। फिर उसने रचिता और कुशाग्र के बीच लव अफेयर वाली बात की। जबकि ऐसे कोई भी सबूत पुलिस को अभी तक नहीं मिले हैं। ऐसे में अब लगभग यह साफ हो रहा है कि वारदात को फिरौती की रकम के लिए अंजाम दिया गया था। वहीं, जॉइंट कमिश्नर का कहना है कि पुलिस इस मामले की कड़ी पैरवी कर रही है। हमारा उद्देश्य है कि इस मामले में आरोपियों को फांसी की सजा दिलाई जाए।