दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज ज्यूडिशियल कस्टडी के खिलाफ सुनवाई होगी।  केजरीवाल ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी और रिमांड के फैसले को चुनौती दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 अप्रैल की शाम केजरीवाल की याचिका पर हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया।

ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के किंगपिन हैं। ईडी ने HC को बताया कि केजरीवाल ने हवाला लेनदेन को खुद नहीं संभाला। यानी उनका डायरेक्ट लिंक नहीं था। इस घोटाले में सबसे महत्वपूर्ण सबूत जो उनकी भूमिका को दर्शाता है, वो है साजिश के बारे में केजरीवाल को जानकारी होना। यानी के आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। ED के मुताबिक, AAP को दिल्ली शराब घोटाले के रुपयों का सबसे ज्यादा फायदा मिला है। पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में शराब घोटाले के लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च किए।

जांच एजेंसी ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को 9 समन भेजकर मामले की जांच में सहयोग करने के कई मौके दिए। हालांकि, केजरीवाल ने जानबूझकर एजेंसी के आदेश को नहीं माना। वे हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर जांच में शामिल नहीं हुए।

ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को 2 घंटे की पूछताछ के बाद उनके घर से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल ने अपनी अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ 23 मार्च को हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। हाई कोर्ट ने 27 मार्च को ईडी को नोटिस जारी कर 2 अप्रैल तक जवाब मांगा था। मामले पर आज 3 अप्रैल को सुनवाई होगी। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के अलावा राउज एवेन्यू कोर्ट के रिमांड के फैसले को भी चुनौती दी है। दरअसल, उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगले दिन उन्हें 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था, जिसे बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाया गया। 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेज दिया।​​​​​​

 

 

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