गिनी के दूसरे सबसे बड़े शहर एन’जेरेकोर में एक फुटबॉल मैच के दौरान हुई हिंसा और भगदड़ में कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई। गिनी के राष्ट्रपति ममादी डौम्बौया ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

डौम्बौया ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा, “मैं लेबे और एन जेरेकोर की बहादुर आबादी, गिनी के लोगों और विशेष रूप से शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं, और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री अमादौ ओरी बाह के नेतृत्व में एक आपातकालीन मिशन को नुकसान हुए परिणामों का आकलन करने के लिए भेजा गया है।

डौम्बौया के अनुसार, इस दुखद घटना के कारणों का पता लगाने और जिम्मेदारी तय करने के लिए एक जांच आयोग का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं इस आपदा के बेहतर प्रबंधन के लिए शांति और सौहार्द की अपील करता हूं। जिससे कि शांति और सामाजिक सामंजस्य के आधार पर साथ रहने की हमारी साझा इच्छा को मजबूती मिल सके।”

बता दें कि यह हिंसा ‘जनरल मामादी डौम्बौया’ फाइनल ट्रॉफी मैच के दौरान हुई। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया तनाव तब शुरू हुआ जब खेल के अंत में एन जेरेकोर को पेनल्टी दी गई, इसका लेबे टीम के खिलाड़ियों ने तीखा विरोध किया।

स्थिति तब और बिगड़ गई, जब सुरक्षा बलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इससे स्टेडियम के एकमात्र एग्जिट गेट की ओर भाग रहे दर्शकों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों की कथित तौर पर आंसू गैस से मौत हो गई। वहीं अन्य लोग स्टेडियम की दीवारों पर चढ़ने की कोशिश में भगदड़ में घायल हो गए या मारे गए।

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