उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने गाजियाबाद कोर्ट परिसर में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज पर अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सोमवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है।
यह घटना 29 अक्टूबर को गाजियाबाद के जिला न्यायाधीश की अदालत में जमानत से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान हुई।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने शनिवार को कहा कि गाजियाबाद कचहरी में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में बार काउंसिल ने सोमवार को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार का आह्वान किया है। बार काउंसिल ने जिला जज के स्थानांतरण की भी मांग की है।
यूपी बार काउंसिल के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल ने कहा, “उत्तर प्रदेश की अदालतों में कार्यरत सभी वकील सोमवार, 4 नवंबर को काम से खुद के दूर रखेंगे। यूपी बार काउंसिल ने उस दिन को विरोध दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। हमने राज्य के सभी 75 जिलों में काम स्थगित करने का अनुरोध किया है।”
बार काउंसिल ने घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति भी गठित की है, जिसके सोमवार को गाजियाबाद अदालत पहुंचने की उम्मीद है।
बार काउंसिल द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी में रोहिताश्व कुमार अग्रवाल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण कुमार त्रिपाठी, अजय यादव और प्रशांत सिंह ‘अटल’ शामिल हैं।
जांच समिति के सदस्य अटल ने कहा, “हम इस मुद्दे पर जिला न्यायाधीश, जिला पुलिस अधिकारियों, बार नेताओं और घायल व्यक्तियों से बात करेंगे।”
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने गाजियाबाद अदालत परिसर के अंदर वकीलों के खिलाफ पुलिस की कथित हिंसक कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और इस घटना को अधिकारों और कानून के शासन का गंभीर उल्लंघन बताया है।