उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में पूर्व सांसद डॉक्टर रमेश चंद तोमर समेत बीजेपी के 12 वरिष्ठ नेताओं को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रोक दिया गया। सभी वरिष्ट नेताओं ने आरोप लगाया है कि वे संगठन के बुलावे पर CM योगी से मिलने के लिए प्रताप विहार स्थित गंगा वॉटर प्लांट पर पहुंचे थे।

इन नेताओं का आरोप है कि अधिकारियों और BJP से जुड़े कुछ नेताओं ने उन्हें CM के जाने के दौरान निकलने वाले स्थान पर लाइन में लगने के लिए कह दिया। इससे यह नेता नाराज हो गए और विरोध जताकर सीएम से बिना मिले ही लौट आए। उनका कहना है कि उन्होंने जब डीएम से इस पर नाराजगी जताई और इसे वरिष्ठ नेताओं का अपमान बताया, तो डीएम ने यह कह दिया कि आपको पूरा सम्मान दिया और आपको चाय भी पिलाई। इस पर एक नेता ने कहा कि चाय पिलाई तो उसके पैसे ले लो। बाद में इन 12 नेताओं ने एक लेटर लिखकर डीएम को 50 रुपये प्रति चाय के हिसाब से 600 रुपये और 100 रुपये अतिरिक्त मिलाकर कुल 700 रुपये लेटर के साथ भेज दिए। ये रुपये डीएम कैंप ऑफिस में भेजे गए। हालांकि वहां इसे लेने से इनकार कर दिया गया। अब इन नेताओं का कहना है कि वह डाक के जरिए रुपये भिजवाएंगे।

वहीं इस मामले को लेकर DM राकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासन की तरफ से सभी नेताओं को पूरा सम्मान दिया गया है। संगठन के लेटर पर केवल CM की विदाई के दौरान उपस्थित रहने के लिए ही इन नेताओं को पास भी जारी हुआ था। इनके पास उनसे मिलने और मीटिंग का पास नहीं था। जहां तक इन नेताओं की ओर से रुपये भेजने का मामला है तो उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को प्रताप विहार स्थित जल निगम की गेस्ट हाउस में आए थे। देर शाम को वे जनप्रतिनिधियों सांसद, विधायक, मेयर समेत कई अन्य नेताओं से मिलते रहे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से भी विकास कार्यों पर मंत्रणा की। बताया गया कि महानगर संगठन की ओर से जिले के 20 वरिष्ठ को फोन कर सुबह 9:30 बजे मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आमंत्रित किया था। बाद में इन नेताओं को 9 बजे तक पहुंचने का आग्रह किया गया। इसके लिए बाकायदा नेताओं के कमिश्नरेट से पास तक बनवाए गए थे।

 

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