खुले मैनहोल्स तथा डक्ट के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार बेहद गंभीर है। सरकार की ओर से निकायों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एस एसओपी जारी करते हुए सभी निकायों को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, सभी जिलाधिकारियों को निकाय स्तर पर तकनीकी समिति बनाकर खुल मैनहोल्स व डक्ट को तत्काल ढकने की कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है। स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से यह एसओपी सभी जिलाधिकारियों को शीर्ष प्राथमिकता के तहत जारी कर दी गई है तथा आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि 23 अप्रैल 2024 को लखनऊ के जानकीपुरम विस्तार सेक्टर 10 में खुले मैनहोल्स में गिरने से एक बच्चे की मृत्यु हो गई थी। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने चिंता जताई है और गंभीरता से इसके उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निकाय निदेशालय के निदेशक नितिन बंसल ने बताया कि जारी एसओपी के अनुसार, मैनहोल्स एवं डक्ट के खुले होने संबंधी शिकायतों के शीघ्र निस्तारण के लिए नगर निगम स्तर पर नगर आयुक्त द्वारा प्रत्येक जोन में जोनल अधिकारी की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में सहायक अभियंता/अवर अभियंता जलकल सदस्य-सचिव होंगे, जबकि जोनल सेक्रेट्री ऑफिसर सदस्य होंगे।
इसके साथ ही नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा तकनीकी समिति गठित की जाएगी, जिसके अध्यक्ष प्रभारी स्थानीय निकाय होंगे, जबकि अधिशासी अधिकारी सदस्य सचिव और सहायक अभियंता/अवर अभियंता सदस्य होंगे। इन समितियों द्वारा साप्ताहिक रूप से सीवर सिस्टम का निरीक्षण किया जाएगा तथा यदि निरीक्षण के दौरान मैनहोल्स अथवा डक्ट खुला पाया जाता है तो अधिकतम 24 घंटे के अंदर मैनहोल्स एवं डक्ट का ढके जाने की कार्यवाही की जाएगी। तकनीकी समिति द्वारा जब तक मैनहोल्स को ढक नहीं दिया जाता तब तक वहां पर किसी कार्मिक को लाल झंडे के साथ तैनात किया जाएगा, ताकि आम जनमानस को मैनहोल्स में गिरने से रोका जा सके।
नितिन बंसल ने बताया कि स्थानीय निकाय द्वारा मैनहोल्स के खुले होने की शिकायतों को जनमानस द्वारा प्राप्त करने के लिए एक कंप्लेंट रिड्रेसेल सिस्टम/हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया जाएगा तथा उसका व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस तरह की समस्याओं के लिए भारत सरकार का हेल्पलाइन नंबर 14420 है, जबकि राज्स सरकार का हेल्पलाइन नंबर 1533 है। इसे डायल करने पर स्थानीय जनपद में कॉल रिसीव की जाएगी, जहां पर शिकायत की जा सकती है। यही नहीं, तकनीकी समिति द्वारा पार्षदों से भी उनके वार्डों में मैनहोल्स के खुले रहने के संबंध में सूचना प्राप्त किए जाने की व्यवस्था निर्धारित की जाएगी। सफाई कर्मचारी, सफाई सुपरवाइजर, आम जनमानस तथा पार्दष व अन्य स्रोतों से प्राप्त मैनहोल्स के खुले रहने की शिकायत पर उसका निस्तारण समिति द्वारा अधिकतम 24 घंटे के अंदर कराया जाएगा। शिकायत का निस्तारण होने के बाद यदि मैनहोल्स के खुले रहने के कारण कोई अप्रिय दुर्घटना होती है तो समिति के विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।
खुले मैनहोल्स या क्षतिग्रस्त मैनहोल्स तथा मैनहोल्स की नियमित सफाई के समय किसी अप्रिय दुर्घटना से बचने के लिए इन बिंदुओं का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा…
▪️मैनहोल्स कवर का क्षरण ऊपरी सतह पर ट्रैफिक के कारण तथा नीचे की सतह पर सीवर से उत्पन्न होने वाली गैसों के कारण होता रहता है, जिसे नियमित अंतराल पर मैनहोल्स कवर को खोलकर उसकी भौतिक स्थिति का आंकलन किया जाए और आवश्यकतानुससार मैनहोल्स कवर को बदल दिया जाए।
▪️मैनहोल्स के निर्माण के समय यह सुनिश्चित किया जाए कि मैनहोल्स में मानक के अनुसार फुट स्टेप लगे हों, जिससे किसी दुर्घटना की स्थिति में यदि कोई मैनहोल्स में गिर जाए तो इन फुट स्टेप के द्वारा बचाव की कार्यवाही सुगमतापूर्वक की जा सके।