किसान आंदोलन स्थल से बड़ी खबर आ रही है। खनौरी बॉर्डर से गोलीबारी हुई है। इस गोलीबारी में दो किसान मारे गए हैं। इसके अलावा आंसू गैस के गोलों से भी कई किसानों के चोटिल होने की खबर आ रही है। पंजाब-हरियाणा के इस बॉर्डर पर स्थिति बहुत ही तनावपूर्ण है। केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार के बाद किसान बुधवार को दिल्ली कूच करने पर आमादा हैं। किसान और सुरक्षा बल के जवान पूरी तरह से आमने सामने हैं। अब तक सैंकड़ों राउंड आंसू गैस के गोले दागे गए हैं।
हरियाणा, पंजाब, हिमाचलप्रदेश और राजस्थान से आए किसान सुबह 11 बजे ही सुरक्षाबलों के सामने खड़े हैं। सुरक्षाबलों के साथ आंखमिचौली और तनातनी चल रही है। हरियाणा से सटे सभी बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है। शंभू बॉर्डर पर हाईड्रोलिक क्रेन, जेसीबी व बुलेटप्रूफ पोकलेन जैसी भारी मशीनरी लाई गई है। शंभू बॉर्डर पर एक तरफ जहां किसान नेताओं के बीच बातचीत चल रही है। वहीं दूसरी तरफ उग्र हुए किसान और निहंग हरियाणा की बैरिकेडिंग के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुके हैं।
संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर एक 23 साल के शुभ करण सिंह पुत्र चरणजीत सिंह गांव वलो जिला बठिंडा की मौत हो गई है। खनोरी बॉर्डर पर किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने किया कंफर्म किया है। उन्होंने बताया है कि किसान की डेड बॉडी को पटियाला के राजेंद्र हॉस्पिटल में रखा गया है। मृतक 2 बहनों का इकलौता भाई था। इसके अलावा घायलों में 2 किसानों की हालत काफी गम्भीर बनी हुई है।
हरियाणा पुलिस ने दाता सिंह वाला-खनौरी बॉर्डर पर दो किसानों की मौत को अफवाह करार दिया है। जींद पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने कहा कि किसी किसान की मौत नहीं हुई है। आंदोलन में दो पुलिसकर्मी और एक प्रदर्शनकारी घायल हुआ है। वहीं किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने बताया है कि खनौरी बॉर्डर पर 23 साल के शुभकरण सिंह पुत्र चरणजीत सिंह की मौत हो गई है। मृतक के शव को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रखा गया है।
केंद्र सरकार ने मसूर, उड़द, अरहर (तूर), मक्की और कपास की फसल पर MSP अनुबंध का प्रस्ताव दिया था। इसे किसानों ने नामंजूर करते हुए किसान आंदोलन का ऐलान किया था। बुधवार सुबह से ही किसान दिल्ली पहुंचने के लिए आंदोलित हैं। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने इसके साथ ही कहा है कि सरकार के साथ वार्ता जारी रहेगी। हम वार्ता के लिए तैयार हैं लेकिन किसानों की मांगे मानी जाएं।