झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझुनूं जिले में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में मंगलवार देर फंसे 15 लोगों से 3 अफसरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वहीं, खदान में फंसे 12 अधिकारी-कर्मचारियों को बाहर निकालने का प्रयास जारी है। बता दें कि मंगलवार रात खदान में निरीक्षण चल रहा था। तभी रात 8:10 बजे 1875 फीट की गहराई में लिफ्ट की चेन टूट गई थी। इस हादसे में कोलकाता की विजिलेंस टीम व खेतड़ी कॉपर कॉर्पोरेशन के अधिकारी सहित 15 लोग खदान में फंस गए थे। जिन्हें बाहर निकालने के लिए 12 घंटे से रेस्क्यू चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक एचसीएल खदान में फंसे 15 लोगों में से 3 अफसरों को बुधवार तड़के सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जिन्हें उपचार के लिए जयपुर रेफर किया गया है। वहीं, अंदर फंसे लोगों के लिए रात में दवाइयां और फूड पैकेट भेजे गए। अभी शेष बचे लोगों को सुरक्षित बचाने का प्रयास जारी है। वहीं, एंबुलेंस और डॉक्टर्स की टीमों को भी रात से अलर्ट मोड पर रखा गया है।
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में मंगलवार देर रात लिफ्ट का लोहे का रस्सा टूट गया। इससे लिफ्ट धमाके के साथ नीचे गिर गई। घटना जमीन से लगभग 1875 फीट नीचे बताई जा रही है। लिफ्ट में 15 अधिकारी व कर्मचारी सवार थे, जो खदान में फंस गए थे। इनमें अधिकांश अधिकारी हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के मुख्यालय कोलकाता से आए थे। ये अधिकारी विजिलेंस टीम में शामिल थे। इस हादसे के बाद देर रात से एसडीआरएफ की टीम अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने के प्रयास में जुटी हुई है।
बताया जा रहा है कि खदान में फंसने वाले लोगों में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के मुख्य सतर्कता अधिकारी उपेंद्र पांडे, खेतड़ी कॉपर कॉम्पलेक्स (केसीसी) के इकाई प्रमुख जीडी गुप्ता, कोलिहान के खदान प्रभारी एके शर्मा, सुरक्षा अधिकारी करण सिंह गहलोत, वित्त विभाग के प्रभारी विनोद सिंह शेखावत शामिल है। इसके अलावा एक लिफ्ट चलाने वाला कर्मचारी भी है। रेस्क्यू टीम करीब 12 घंटे से अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने के प्रयास में जुटी हुई है।
नीमकाथाना जिला कलक्टर व एसपी के साथ ही तहसीलदार खेतड़ी नीलम राज, पुलिस उप अधीक्षक जुल्फिकार अली व थाना अधिकारी भंवरलाल कुमावत भी मौके पर पहुंचे। सभी अधिकारी देर रात से सुबह तक मौके पर ही मौजूद है और हर स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
यह खान पूरे देश में तांबे के खनन के लिए प्रसिद्ध है। यहां तांबे के अयस्क निकलते हैं। उनको शोधन के लिए बाहर भेजा जाता है। पहले तांबे का शोधन भी खेतड़ी क्षेत्र में ही होता था। बाद में इसे बंद कर दिया गया। अभी भी पूरे राजस्थान में सबसे ज्यादा तांबे का खनन खेतड़ी क्षेत्र में ही होता है।