उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा सकुशल संपन्न हो गई। परीक्षा को संपन्न कराने के लिए मैनपावर से लेकर एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया। परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर सुरक्षा के ऐसे कड़े इंतजाम किए गए थे कि नकलची और सॉल्वर गैंग ने परीक्षा से दूरी बना ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के सकुशल संपन्न होने पर अभ्यर्थियों को बधाई दी।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि, “आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,200 से अधिक पदों पर चयन के लिए आयोजित लिखित परीक्षा-2023 के निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने की सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई! परीक्षा में सहभागिता करने वाले सभी ऊर्जावान और अनुशासित युवाओं को मनोनुकूल परिणाम प्राप्त हों, सभी का भविष्य उज्ज्वल हो, इसके लिए मंगलकामनाएं।”
उन्होंने आगे लिखा, “विश्व की सबसे बड़ी सिविल पुलिस भर्ती परीक्षा को सफलतापूर्वक, सकुशल संपन्न कराने में सहयोगी उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड और समस्त जनपदों के जिला प्रशासन को हृदय से धन्यवाद।”
यूपी पुलिस ने वॉट्सएप से लेकर सोशल मीडिया तक अपनी पैनी नजर बनाए रखी। खुफिया एजेंसियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा गया, ताकि कहीं कोई कमी न रह जाए। दो चरणों में पांच दिन तक चली इस परीक्षा में 32 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए।
परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए 2300 मजिस्ट्रेट और 1,97,859 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस सीसीटीवी कैमरों का प्रयोग किया गया।
परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 1174 केंद्रों के 16,440 कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस थे। इससे हर परीक्षा कक्ष की गतिविधियां, जैसे कक्ष निरीक्षक का भ्रमण न करना आदि की सूचना रियल टाइम पर बोर्ड के कंट्रोल रूम में पहुंचती रही।
पुलिस भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए 1,97,859 पुलिसकर्मियों और दो कंपनियों को तैनात किया गया। पीएसी की 25 और सीएपीएफ की 8 कंपनियों को तैनात किया गया। वहीं 137 अपर पुलिस अधीक्षक, 522 पुलिस उपाधीक्षक, 47,587 मुख्य आरक्षी, 86,844 आरक्षी और 26,582 महिला आरक्षी को तैनात किया गया। इसके अलावा 3876 निरीक्षक भी तैनात किये गये, इसमें 3740 पुरुष और 136 महिला निरीक्षक शामिल हैं। इसके साथ ही, 32,311 उपनिरीक्षकों को तैनात किया गया। इसमें 30,220 पुरुष और 2091 महिला उपनिरीक्षक शामिल हैं। परीक्षा केंद्रों पर 74 पुलिस अधिकारियों को बतौर ऑब्जर्वर तैनात किया गया।
परीक्षा को पारदर्शी बनाने और सही अभ्यर्थियों को प्रवेश देने के लिए तकनीक का प्रयोग किया गया। इसके लिए परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों की चेकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई थी। केंद्र पर अभ्यर्थियों की फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक फिंगर प्रिंट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही प्रवेश दिया गया।
वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) के अध्यक्ष राजीव कृष्णा ने बताया कि परीक्षा के लिए विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों की तैनाती की गई। वहीं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक (मजिस्ट्रेट) के रूप में तैनात रहे। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया, जबकि तीन परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी।