दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आज का दिन काफी अहम है। आज सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा। अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति घोटाले में सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके जमानत की मांग की थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट आज सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाएगा।

अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और जमानत से इनकार के खिलाफ दो याचिकाएं दायर की हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी के बाद एकत्र किए गए पर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए 5 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को 26 जून को सीबीआई ने हिरासत में लिया था। हाईकोर्ट ने उन्हें ट्रायल कोर्ट से जमानत लेने की भी अनुमति दी थी। हालांकि, केजरीवाल ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया।

बता दें कि यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों का दावा है कि लाइसेंस धारकों को लाभ पहुंचाने के लिए अनियमितताएं की गईं।

ईडी ने इस कथित “घोटाले” से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है। इस मामले में ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। 12 जुलाई को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई थी।

5 सितंबर को सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने सीबीआई की इस दलील का विरोध किया कि उन्हें पहले ट्रायल कोर्ट से जमानत मांगनी चाहिए थी। सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की दलीलों की वैधता पर सवाल उठाए।

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को लेकर आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”

सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत “गिरफ्तारी की आवश्यकता” से संबंधित तीन महत्वपूर्ण प्रश्नों को विस्तृत जांच के लिए एक बड़ी पीठ को भेज दिया है। इस बड़ी पीठ में आदर्श रूप से पांच न्यायाधीश होते हैं।

उच्च न्यायालय ने पाया कि केजरीवाल के खिलाफ सबूत इतने पुख्ता हैं कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी जायज है। न्यायालय ने कहा कि एकत्रित सबूतों के आधार पर उनकी हिरासत न तो अनुचित है और न ही अवैध।

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