राजस्थान में गहलोत-पायलट के बीच जारी खींचतान के बीच आज राहुल गांधी की मौजूदगी में मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मीटिंग प्रस्तावित है। यह मीटिंग 26 मई को होने वाली थी, लेकिन अब यह 29 मई को होने जा रही है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा रविवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे। रंधावा कांग्रेस नेतृत्व के सामने राजस्थान के मसलों पर अपना फीडबैक सामने रखेंगे। बैठक में सचिन पायलट भी शामिल होंगे। सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी मीटिंग में शामिल होंगे। मीटिंग में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के गुटों के बीच जारी रस्साकशी खत्म होने के आसार है। हालांकि, बैठक मध्यप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे चुनावी राज्यों के लिए रणनीति बनाने के लेकर बुलाई गई है। लेकिन माना जा रहा है कि मीटिंग में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सियासी खींचतान को लेकर भी चर्चा होगी।
माना जा रहा है चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान राजस्थान को लेकर तस्वीर साफ कर सकता है। सचिन पायलट को सीएम गहलोत और पार्टी के खिलाफ जाने से रोकने के लिए एक फार्मूला भी ऑफर किया जा सकता है। चर्चा है कि सचिन पायलट की पीसीसी चीफ की कमान सौंपी जा सकती है। जबकि पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान विवाद कई सालों से कांग्रेस आलाकमान के पास पेंडिंग ही चल रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी साल में कांग्रेस आलाकमान राजस्थान को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहती है। इसलिए बीच का रास्ता ही निकाला जाएगा। विश्लेषकों का मानना है कि सचिन पायलट का भविष्य कांग्रेस पार्टी में है। इसलिए वह मान जाएंगे। लेकिन कुछ शर्तों के साथ सचिन पायलट को जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
दिल्ली की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और तीनों सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़, अमृता धवन और काज़ी निजामुद्दीन मौजूद रहेंगे। साथ ही बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा और रघुवीर मीणा सरीखे कद्दावर कांग्रेस नेताओं के शामिल होने की चर्चाएं हैं। पहले दौर की बैठक के बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के साथ फाइनल बैठक भी गहलोत- पायलट और प्रभारी रंधावा की हो सकती है। इनसे अलग-अलग वन टू वन मुलाकात भी हो सकती है।