कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर पीएम मोदी के जोर देने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लोग ठीक से नहीं जानते हैं कि समान नागरिक संहिता लागू होने पर क्या होगा। वे बस चीजों को मान रहे हैं, क्योंकि सरकार ने स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि यह क्या है।

सलमान खुर्शीद ने कहा कि सरकार को ठीक से समझाना चाहिए कि समान नागरिक संहिता वास्तव में क्या है। इसके बाद लोग इसपर उचित प्रतिक्रिया दे सकते हैं। सरकार ने इसको लेकर कुछ समझाया नहीं है कि यह क्या है। लोग जबतक समझेंगे नहीं, तबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं।

 

सलमान खुर्शीद ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या 7 फेरे लेना भी UCC के दायरे में आएगा। क्या अंतिम संस्कार में भी बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि UCC पर भड़काना और भड़कना दोनों गलता है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब सबको सात फेरे लगवाएंगे। उन्होंने असहमति जताते हुए कई सवाल उठाए हैं।

बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि एक घर में दो कानून नहीं रह सकते हैं। कोई भी देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है। एक ही परिवार में अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते हैं। पीएम मोदी के बयान के बाद विपक्ष में समान नागरिक संहिता को लेकर हलचल तेज हो गई है।

भारत की सबसे बड़ी मुस्लिम संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने बुधवार को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के बारे में मुसलमान अपनी राय रखेंगे। लेकिन उनकी बात सुने जाने की उम्मीद कम है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने खुले तौर पर कहा है कि मुसलमानों के धार्मिक अधिकार छीन लिए जाएंगे, तो कोई क्या कर सकता है। मौलाना मदनी ऑल-इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के भी सदस्य हैं, जिन्होंने पीएम मोदी के समान नागरिक संहिता पर जोर देने के बाद कल रात एक आपातकालीन बैठक की थी।

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