भारत में कोविशील्ड ब्रांड नाम के तहत बेची जाने वाली एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लेकर शोधकर्ताओं ने बड़ा दावा किया। ताजा स्टडी के मुताबिक भारत में कोविशील्ड ब्रांड नाम से जानी जाने वाली एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगने के बाद एक दुर्लभ बीमारी सामने आई है, जिसकी वजह से ब्लड में थक्के जम जाते हैं।
भारत में कोविशील्ड ब्रांड नाम के तहत बेची जाने वाली एस्ट्राजेनेका वैक्सीन, वैक्सीन-प्रेरित इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस (वीआईटीटी) नामक एक दुर्लभ रक्त के थक्के जमने की बीमारी से जुड़ी है। मेडिकल रिसर्च से जुड़े एक्सपर्ट्स के मुताबिक वीआईटीटी एक हानिकारक रक्त ऑटोएंटीबॉडी के कारण होता है जो प्लेटलेट फैक्टर 4 (PF4) नामक प्रोटीन को टारगेट करता है।
पिछले वर्ष यानी 2023 में कोरोना वैक्सीन एट्रेजेनेका को लेकर किए गए कई रिसर्च में इसके दुष्प्रभावों का खुलासा हुआ। अलग-अलग में वैक्सीन का डोज लेने वाले लोगों में घातक विकार सामने आए। ताजा रिसर्च सामने आया है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने वालों में सर्दी जैसे संक्रमण के दौरान एडेनोवायरस संक्रमण से जुड़ा था, जिसमें समान पीएफ4 एंटीबॉडी शामिल था।
कोरोना वैक्सीन एस्ट्राजेनेका को लेकर हालिया शोध आस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने किया। हाल ही में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित स्टडी में दावा किया गया है कि वीआईटीटी नाम की एक बीमारी सामने आई है। जिसमें हानिकारक रक्त ऑटोएंटीबॉडी बढ़ने से ब्लड जमकर थक्के बनने लगता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि वीआईटीटी 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान सामने आया। शोध में कहा गया है कि ये समस्या ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के उपयोग के बाद सामने आई।
शोध में शामिल मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक वीआईटीटी की समस्या से ग्रस्त मरीजों में एडेनोवायरस की समस्या पाई गई। दरअसल, एडेनोवायरस ऑटोएंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रणाली के तहत एक एंटीबॉडी है जो शरीर के स्वयं के ऊतकों को टारगेट करता है, जिससे ऑटो इम्यून बीमारियां हो सकती हैं। जिसके चलते मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली और स्वस्थ कोशिकाएं और ऊतक प्रभावित होते हैं।
वैक्सीन-प्रेरित इम्यून थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया यानी वीआईटीटी के चलते गंभीर सिरदर्द, दृश्य परिवर्तन, पेट में दर्द, मतली और उल्टी, पीठ दर्द, सांस की तकलीफ, पैर में दर्द या सूजन और आसान चोट या रक्तस्राव की समस्या हो सकती है।
अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी के अनुसार, वीआईटीटी (Vaccine-induced immune thrombotic thrombocytopenia) कोविड वैक्सीन लेने के 4 से 42 दिनों के भीतर होता है। इसलिए, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।