कोलकाता में 9 अगस्त को सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। अब महिला डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनके शरीर पर 14 चोटों के निशान थे।
सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सभी चोटें मृत्यु से पहले की हैं।
सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर, गाल, होंठ, नाक, दाहिना जबड़ा, ठोड़ी, गर्दन, बायां हाथ, बायां कंधा, बायां घुटना, टखना और प्राइवेट पार्ट के अंदरूनी हिस्से सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में कई चोटें पाई गईं।
फेफड़ों में रक्तस्राव देखा गया, शरीर के अन्य हिस्सों में खून के थक्के और प्राइवेट पार्ट के अंदर एक सफेद गाढ़ा चिपचिपा तरल पदार्थ मौजूद था। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट के निष्कर्षों से पता चलता है कि पीड़िता की मौत गला घोंटने के कारण हुई थी।
सूत्रों ने बताया कि पीएम रिपोर्ट के अनुसार उसके प्राइवेट पार्ट में फोर्सफुल पेनिट्रेशन के चिकित्सीय साक्ष्य मिले हैं। जो यौन उत्पीड़न की ओर संकेत देते है। आगे की जांच के लिए रक्त और अन्य नमूने भेजे गए हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि रिपोर्ट के निष्कर्ष प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों और जूनियर डॉक्टरों के दावों के अनुरूप हैं, कि यह जघन्य बलात्कार और हत्या किसी एक व्यक्ति का काम नहीं थी और इस अपराध में कई साथी शामिल थे।
अभी तक इस मामले में संजय रॉय नाम के केवल एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। कोलकाता पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया। सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच अपने हाथ में ले ली।
सूत्रों ने बताया कि जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारी कई व्यक्तियों और विशेष रूप से आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ करके अपराध में अन्य भागीदारों का पता लगाने की भी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में सीबीआई के साल्ट लेक कार्यालय द्वारा पिछले तीन दिनों के दौरान घोष से 12 से 13 घंटे की पूछताछ की गई है।