देश में कोरोना एकबार फिर डराने लगा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को कोरोना के 980 नए मामले सामेन आए जबकि दो संक्रमितों की मौत हो गई। दिल्ली में संक्रमण दर 25.98 फीसदी पर पहुंच गई है जिसका मतलब है कि हर चार में से एक सैंपल को कोविड जांच में पॉजिटिव निकल रहा है। कोरोना के मामलों में हालिया उछाल को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का नया एक्सबीबी1.16 वैरिएंट इंसान के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है। ऐसे में आने वाले चार हफ्ते बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा- कोरोना का XBB1.16 वैरिएंट बच्चों और वयस्कों को बीमार बना सकता है। यह कोविड संक्रमण के मामलों में बड़ा उछाल ला सकता है। XBB1.16 वैरिएंट में इंसान के इम्यून सिस्टम को भेदने की क्षमता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में सक्षम है। यह उन लोगों को भी संक्रमित कर रहा है जिन्हें पिछली लहरों के दौरान संक्रमण हुआ था। यह उन किशोरों और वयस्कों को भी बीमार बना रहा है जो कोविड रोधी वैक्सीन लगवा चुके हैं।

डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा- XBB1.16 वैरिएंट के फैलने की आशंका बनी हुई है। हालांकि, कोरोना की तुलना में एडेनो वायरस और इन्फ्लूएंजा जैसे संक्रमण ज्यादा चिंता पैदा करने वाले लगते हैं। ऐसे अगले अगले चार हफ्ते बेहद अहम होने वाले हैं। हम देख रहे हैं कि कोरोना का XBB1.16 वैरिएंट पिछले वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक और अधिक घातक है। बीते कुछ हफ्तों से हम देख रहे हैं कि देश में कोविड मामलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके लिए XBB1.16 वैरिएंट को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।

डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं। क्या बच्चों के लिए वाकई गंभीर खतरा है। इस बारे में मधुकर रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके नाकरा ने कहा कि कोविड पॉजिटिव कुछ मामलों में आंखों (conjunctivitis, नेत्रश्लेष्मलाशोथ) में तकलीफ भी हो रही हैं। अब कोरोना के जो लक्षण मिल रहे हैं उनमें तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, सिरदर्द, शरीर में दर्द के साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या (जठर संबंधी तकलीफ) देखी जा रही है।

कुछ चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों को लाल चिपचिपी आंखों (नेत्रश्लेष्मलाशोथ) की समस्या भी हो रही है। हालांकि, यह पहले के कोरोना वैरिएंट में यह लगभग 1 से 3 प्रतिशत रोगियों में ही देखा जा रहा था। फिलहाल इसके लिए कोरोना ही जिम्मेदार है कहना जल्दबाजी होगी। डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा कि अधिकांश बाल रोगियों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। हालांकि जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है। उनको बेहद सावधानी से काम लेना चाहिए। कोरोना की रोकथाम केवल कोविड प्रोटोकाल के पालन से ही संभव है।

डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना चाहिए। यही नहीं संक्रमण से बचने के लिए बार-बार हाथ धोना और इनडोर वाली भीड़ भरी जगहों में जाने से बचना चाहिए। वहीं दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने कहा कि आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण के और भी मामले सामने आ सकते हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने राज्यों से अस्पतालों में तैयारियों की समीक्षा करने के निर्देश जारी किए हैं। सरकार का कहना है कि अस्पतालों में दवाओं और ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच की जानी चाहिए।

भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के आंकड़ों के अनुसार, एक्सबीबी1.16.1 के म्यूटेटेड सब-वैरिएंट भी सामने आ रहे हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में एक्सबीबी1.16.1 के म्यूटेटेड सब-वैरिएंटके 234 मामले सामने आए हैं। एक्सबीबी1.16.1  कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट के संक्रामक एक्सबी1.16 वैरिएंट में म्यूटेशन से बना है। एक्सबीबी1.16.1 के केस दिल्ली, गुजरात और हरियाणा समेत 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पाए गए हैं। देश में एक्सबीबी1.16 वैरिएंट के 1,774 मामले 22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पाए गए हैं।

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