प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पांच साल की रेप पीड़िता 15 दिन से भर्ती है। उसकी सर्जरी के लिए कागजी कार्रवाई और ब्लड न मिलने के कारण पीड़िता के परिजन बेहाल हो गये हैं। बताते चलें कि नौ महीने पहले बाराबंकी में पांच साल की मासूम बच्ची के साथ रेप हुआ था। आरोपी ने बच्ची के साथ दरिंदगी की सभी हदें पार कर दी थी। वह बच्ची को मरा समझकर मौके से भाग निकला था। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया था। तेजी से बिगड़ती तबीयत पर बाराबंकी जिला अस्पताल से बच्ची को केजीएमयू रेफर कर दिया गया था।
केजीएमयू में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में बच्ची को भर्ती किया गया था। जहां पर उसकी सर्जरी की गयी थी। डाक्टर ने दोबारा सर्जरी के लिए छह हफ्ते बाद बुलाया था। इसी बीच बच्ची की तबीयत दोबारा बिगड़ गई। इसपर बाल कल्याण समिति (बाराबंकी) की अध्यक्ष बाला चतुर्वेदी और समाजसेवी अमृता शर्मा ने बच्ची को एक बार फिर बाराबंकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से बच्ची को केजीएमयू भेजा गया। यहां कागजी कार्रवाई और ब्लड यूनिट न मिल पाने के चलते पिछले करीब 15 दिन से सर्जरी टल रही है।
पीड़ित पिता ने बताया कि पहले आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी फाइल नहीं बना पा रही थी। डॉक्टरों के सहयोग से फाइल बन गयी। इसके बाद खाते में धनराशि आने में कई दिन लग गये। उसका कहना है कि यह सभी इंतजाम पूरे होने के बाद अब ब्लड नहीं मिल पा रहा है। पीड़ित पिता का आरोप है कि वह ब्लड के लिए कई ब्लड बैंक जा चुके है, लेकिन वहां पर बिना ठोस कारण बताये टाल दिया जाता है। केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर का कहना है कि सर्जरी क्यों नहीं हो पा रही है। इसकी जानकारी की जाएगी। केजीएमयू में इस प्रकार के बच्चों का इलाज प्राथमिक आधार पर किया जाता है। अगर बच्ची के इलाज में कोई दिक्कत आ रही है तो उसे प्राथमिकता से निपटाया जाएगा।

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