दिल्ली उच्च न्यायालय सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें जारी समन को चुनौती दी गई है।

हाईकोर्ट द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था।

केजरीवाल ने गिरफ्तारी, पूछताछ और जमानत के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है।

याचिका न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए निर्धारित है।

आप के राष्ट्रीय संयोजक ने ईडी द्वारा जारी नौवें समन के मद्देनजर उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उन्हें 21 मार्च को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।

हाईकोर्ट की पीठ ने 20 मार्च को ईडी से मामले के संबंध में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। ईडी ने आरोप लगाया है कि आरोपी आबकारी नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप आप को रिश्वत के बदले में उन्हें अनुचित लाभ हुआ।

याचिका में केजरीवाल ने कई मुद्दे उठाए हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या कोई राजनीतिक दल धन शोधन रोधी कानून के तहत आता है।

याचिकाकर्ता को सत्तारूढ पार्टी का ‘मुखर आलोचक’ बताते हुए याचिका में आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights