दिल्ली के मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है।
इस मामले को आगे के निर्देशों के लिए भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि उनके द्वारा दायर अंतरिम जमानत को बढ़ाने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाय। केजरीवाल ने मेडिकल जांच के लिए अंतरिम जमानत सात दिन और बढ़ाने की मांग की थी।
सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच से तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया।
सिंघवी ने कहा, ”इसकी तत्काल जरूरत है क्योंकि 20 दिन की अंतरिम जमानत समाप्त हो रही है और मेडिकल टेस्ट करवाना भी बेहद जरुरी है। मैं सिर्फ अंतरिम जमानत को सात दिन बढ़ाने की ही मांग कर रहा हूं।”
इस पर, जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने 17 मई को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और आवेदन को भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेजना उचित होगा। हम आपके आवेदन को माननीय मुख्य न्यायाधीश के पास भेजेंगे। चीफ जस्टिस को फैसला लेना चाहिए।
शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल 1 जून तक अंतरिम जमानत पर हैं। उन्हें दो जून को सरेंडर कर जेल लौटना होगा।
आम आदमी पार्टी के अनुसार, मामले में गिरफ्तारी के बाद से सीएम केजरीवाल की तबीयत खराब है। पार्टी ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद उनका वजन सात किलोग्राम घट गया है और उनका कीटोन लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है जो गंभीर मेडिकल डिसऑर्डर है।
पार्टी ने आगे कहा है कि सीएम को मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी है और इसके लिए सात दिन का समय लगेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उन्होंने शराब घोटाले मामले में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी थी।
इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित होने के बावजूद वह नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं।
सुनवाई के दौरान, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि सीएम केजरीवाल की रिहाई और आत्मसमर्पण की समयसीमा को लेकर उनका स्पष्ट आदेश है। कोई विशेष छूट नहीं दी गई है।
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले हफ्ते दिल्ली की एक अदालत में एक आवेदन दायर कर दो जून को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम जमानत आदेश की समाप्ति पर ‘आप’ सुप्रीमो की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की थी।