सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को एक बार फिर राहत दी है। आशीष की अंतरिम जमानत 26 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। किसान आंदोलन के बाद 2021 में हुई हिंसा मामले में आशीष आरोपी है। इस हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि मामले में सुनवाई जारी है । इसके बाद उन्होंने मामले को स्थगित कर दिया। शीर्ष अदालत ने 24 अप्रैल को कहा था कि मामले में निचली अदालत को रोजाना सुनवाई करने का निर्देश देना संभव नहीं है, क्योंकि इससे अन्य लंबित मामलों की सुनवाई प्रभावित हो सकती है।

उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च को मामले की सुनवाई से जुड़ी जानकारी से उसे अवगत कराते रहने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने इस बात से इनकार किया था कि मामले की सुनवाई धीमी गति से चल रही है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि मामले की सुनवाई उसकी निगरानी में नहीं हो रही है, लेकिन वह ”अप्रत्यक्ष रूप से इस पर नजर बनाए हुए है।

उच्चतम न्यायालय ने 25 जनवरी को आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी थी और उसे उसके आदेश में दिए गए अंतरिम निर्देशों का पालन करने को कहा था। न्यायालय ने आशीष मिश्रा को जेल से छूटने के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ने का निर्देश भी दिया था।

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी।

उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था और इस एसयूवी में आशीष मिश्रा बैठे थे। इस घटना के बाद एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं को गुस्साए किसानों ने कथित रूप से पीट-पीटकर मार डाला था। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

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