संसद के पांच दिवसीय सत्र की सोमवार को शुरुआत हुई। वहीं इसी के साथ ही महिला आरक्षण बिल लाने पर चर्चा शुरू हो गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि संसद के विशेष सत्र में बुधवार को केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल ला सकती है। करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अटका पड़ा है और अब सरकार इस पर यह बड़ा कदम उठाने वाली है। तृणमूल कांग्रेस ने भी सोमवार को सरकार से आग्रह किया कि संसद के नए भवन में महिला आरक्षण विधेयक बिना देर किए पेश किया जाए और पारित किया जाए।

भारत राष्ट्र समिति (BRS), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और बीजू जनता दल (बीजद) ने सरकार से आग्रह किया कि संसद की कार्यवाही नई इमारत में स्थानांतरित होने के महत्वपूर्ण अवसर पर महिला आरक्षण विधेयक पारित कर इतिहास रचा जाए। लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने ‘संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा – उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए यह मांग उठाई। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय जब नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू होने जा रही है तो ‘इंडिया’ और ‘भारत’ में भेद नहीं किया जाना चाहिए।

बंदोपाध्याय का कहना था, ‘‘नए संसद भवन में जाने से पहले हमें अपने देश के नाम का सही मतलब समझने की जरूरत है कि ‘इंडिया जो भारत है।” उन्होंने कहा, ‘‘हमें धर्मनिरपेक्षता और संघवाद की बुनियाद पर ‘नए भारत’ को बनाना होगा…विविधता में एकता की भावना को बनाए रखने की जरूरत है।” तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने आग्रह किया, ‘‘नए संसद भवन में महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया जाए और पारित किया जाए। इसमें देर नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि आजकल विधेयकों को चर्चा के बिना पारित कर दिया जा रहा है, जो अच्छी बात नहीं है।

 

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