तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन लोगों की शिक्षा तक व्यापक पहुंच के पीछे मुख्य कारण था। डीएमके के संगठनात्मक सचिव आरएस भारती ने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि एक कुत्ते को भी बीए की डिग्री मिल सकती है। एनईईटी-यूजी मेडिकल परीक्षा के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान की गई भारती की टिप्पणी ने विवाद पैदा कर दिया, भाजपा ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से द्रमुक नेता के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। ‘नो मोर एनईईटी’ शीर्षक वाला विरोध प्रदर्शन डीएमके छात्र विंग के सचिव और कांचीपुरम विधायक एज़िलारसन द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में बोलते हुए भारती ने कहा कि मैं एक वकील बीएल शिक्षित हूं। एज़िलारासन बीई, बीएल हैं। ये सभी कबीले या गोत्र से नहीं आए हैं। जब मैंने बीए की पढ़ाई की थी, तब शहर में केवल एक ही व्यक्ति ने बीए की पढ़ाई की थी। तब वे घर के बाहर नेम प्लेट पर शीर्षक लिखते थे। अब शहर में हर कोई डिग्री के लिए पढ़ रहा है, यहां तक कि एक कुत्ते को भी बीए की डिग्री मिल रही है। 20वीं शताब्दी में शुरू हुए द्रविड़ आंदोलन की कल्पना दक्षिण भारतीय राज्यों में ब्राह्मण प्रभुत्व के खिलाफ विद्रोह के रूप में की गई थी।
भारती की टिप्पणी की तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने कड़ी आलोचना की। एक्स पर एक पोस्ट में अन्नामलाई ने कहा कि भारती के बयानों ने तमिलनाडु में पूरे छात्र समुदाय का अपमान किया है। भाजपा नेता ने आगे आरोप लगाया कि राज्य में सिर्फ पांच मेडिकल कॉलेज खोलने वाली द्रमुक दावा कर रही है कि डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए वह जिम्मेदार है।