उत्तराखंड की अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी पर फिरौती, गैंगवार, हत्या, अपहरण सहित कई मुकदमे दर्ज हैं। पीपी को अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का राइट हैंड माना जाता है। साल 2010 में वियतनाम से पीपी की गिरफ्तारी हुई थी। इस वक्त वह अल्मोड़ा जेल में सजा काट रहा है। कुछ समय पहले ही अचानक उसके जेल में ही सन्यास लेने की बात सामने आई थी। बकायदा उसकी जेल में ही दीक्षा भी हुई थी। तीन दिन पूर्व ही जूना अखाड़े से जुड़े कुछ संतों ने उसे कई मठों का मठाधीश नियुक्त करने और जल्द ही उसे मंडलेश्वर की उपाधि देने की घोषणा को लेकर प्रेसवार्ता बुलाई थी। कुख्यात पीपी के जूना अखाड़े का सन्यासी बनने को लेकर माहौल गर्माया हुआ है। इसी को लेकर शनिवार को जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरिगिरि महाराज की अध्यक्षता में आनन-फानन में बैठक बुलाई गई।

पीपी को जेल में 14 साल हो गए हैं। इसी बीच उसके सन्यास की घोषणा से हर किसी का माथा ठनक रहा है। लोग ये भी अंदेशा जता रहा हैं कि भगवा धारण कर वह जेल से बाहर आने की प्लानिंग कर रहा है। चर्चाएं ये भी हैं कि, उसे राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है। इससे पहले वह जेल में फोन चलाता हुआ भी पकड़ा गया है। उसके कान में इयरबड्स लगे हुए थे। बताया जा रहा है कि जेल से ही वह अपना नेटवर्क चलाता था। तीन दिन पहले उसे उपचार के लिए जेल से निकालकर हल्द्वानी ले जाया गय था। उसी के अगले दिन साधुओं ने अल्मोड़ा में प्रेसवार्ता कर उसे कई मठों का मठाधीश भी नियुक्त करने को घोषणा कर दी थी।
बैठक के बाद महंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि जिन संतों ने पीपी को मठाधीश या मंडलेश्वर बनाने की कार्यवाही की, उनको जांच के दायरे में लाया जाएगा। अगर जांच में ये बात साबित होती है कि पैसा लेकर महंत बनाया गया है तो कड़ी कार्रवाई होगी। कमेटी की ओर से कहा गया है कि जांच में किसी तरह का लेनदेन मिला तो दोषियों को अखाड़े से बाहर किया जाएगा।
पीपी को महंत बनाने के मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी की अध्यक्षता जूना अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमगिरि महाराज करेंगे। कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा आज होगी। दो दिन पहले कुछ संतों ने अल्मोड़ा जेल में बंद पीपी को दीक्षा देकर कई मंदिरों का उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद हरिद्वार में हड़कंप मच गया था। जूना अखाड़े ने मामले को संज्ञान लिया है।

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