यूरोप के कई देशों ने यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन जारी रखने और उसे बढ़ाने का वादा किया। नॉर्डिक और बाल्टिक देशों के नेताओं ने पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ मिलकर कीव को यह आश्वासन दिया। यह घोषणा इन आशंकाओं के बीच की गई है कि नव निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यू्क्रेन की दी जाने वाली यूएस मदद को सीमित कर सकते हैं।

डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, स्वीडन के प्रधानमंत्रियों और लातविया के विदेश मंत्री ने दो दिवसीय बैठक के दौरान यह घोषणा की। बैठक स्वीडिश प्रधानमंत्री के निवास स्थान हार्पसंड में आयोजित हुई।

स्वीडिश पीएम उल्फ क्रिस्टर्सन ने बुधवार को मीडिया को बताया कि बैठक में शामिल होने वाले देशों ने यूक्रेन के रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देने, अधिक गोला-बारूद उपलब्ध कराने जरिए यूक्रेन को अपना समर्थन बढ़ाने पर सहमति जताई।

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने कहा कि यूक्रेन के रक्षा उद्योग में प्रत्यक्ष निवेश होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को दी जाने वाली मदद पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।

आगामी ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिकी समर्थन में संभावित गिरावट के बारे में पूछे जाने पर, टस्क ने कहा कि यूरोप को कम से कम इसके कुछ हिस्से की भरपाई के लिए तैयार रहना चाहिए।

बता दें अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी मदद की बार-बार आलोचना की। वह दावा करते रहे हैं कि सत्ता में आने पर कुछ ही घंटों में युद्ध विराम करवा सकते हैं। उनके बयानों ने कीव और यूरोप में इस बात को लेकर आशंकाएं पैदा कर दीं कि भविष्य में यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन सीमित हो सकता है।

वहीं बुधवार को प्रकाशित एक संयुक्त वक्तव्य में बैठक में उपस्थित सातों नेताओं ने यूक्रेन की विजय योजना का समर्थन किया। उन्होंने कीव के पूर्ण यूरोपीय और यूरो-अटलांटिक एकीकरण का समर्थन करने का वचन दिया।

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