डिजिटल भुगतान की शीर्ष कंपनी पेटीएम (PAYTM) और इसके विशाल उपयोगकर्ता आधार के लिए एक आश्वस्त विकास में शीर्ष सरकारी अधिकारियों के हालिया स्पष्टीकरण ने वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर कंपनी की परिचालन अखंडता और प्रणालीगत स्थिरता के बारे में हर चिंता को दूर कर दिया है।
पेटीएम के प्रवक्ता ने इस संदर्भ में बयान जारी कर कहा, “हम लगातार इस बात को स्पष्ट कर रहे हैं कि ना ही पेटीएम और ना ही इससे जुड़ी कोई भी भुगतान प्रणाली किसी नियामक एजेंसी के जांच के दायरे में है। वहीं, गत दिनों वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए बयानों से भी इस तथ्य को पुष्टि मिल चुकी है कि वर्तमान में पेटीएम पूरी तरह से ग्राहकों के लिए सुरक्षित है। विनियामक मार्गदर्शन के अनुपालन में काम करने और पूरे भारत में डिजिटल भुगतान की पहुंच को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रक्रियाओं को लगातार बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट बनी हुई है।”
बता दें कि जब से आरबीआई ने पेटीएम के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई की है, तभी से पेटीएम की नियामक सुरक्षा को लेकर चौतरफा चर्चा देखने को मिल रही है। जिसकी कुछ लोग गंभीर समस्या के रूप में भी व्याख्या कर रहे हैं।
हालांकि, वित्तीय सेवा सचिव के स्पष्टीकरण से पता चलता है कि ये उपाय ग्राहकों की सुरक्षा, आर्थिक परिदृश्य की परिधि को ध्यान में रखते हुए उठाया गया एहतियाती कदम था।
वहीं, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने बुधवार को कहा, “अब पेटीएम से जुड़े विषयों को कोई और नहीं, बल्कि आरबीआई देखेगी। यह हमारे क्षेत्राधिकार का हिस्सा नहीं है, लिहाजा केंद्र सरकार का इससे कोई भी लेना-देना नहीं है।
जोशी ने साक्षात्कार के दौरान कहा, “यह नियामक द्वारा उठाया गया कड़ा कदम है। वहीं, पेटीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात आती है, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि केंद्र सरकार का इससे कोई सरोकार नहीं है और हमें पूरा विश्वास है कि आरबीआई ने ग्राहकों और अर्थव्यवस्था के विभिन्न हितों को ध्यान में रखते हुए कोई भी कदम उठाया होगा।”
गत दिनों पेटीएम के संस्थापक शेखर शर्मा का केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई इस विषय पर चर्चा के बाद इसे तीव्र गति मिली। हालांकि, चर्चा की बारीकियां गोपनीय रहीं, लेकिन व्यापक संदेश स्पष्ट था। पेटीएम के आगे के रास्ते में नियामक निकायों के साथ घनिष्ठ सहयोग शामिल है।
उधर, पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई के निर्देश से उत्पन्न वित्तीय अस्थिरता की अटकलों को संबोधित करते हुए जोशी ने बैंक के सीमित आकार पर प्रकाश डाला और किसी भी महत्वपूर्ण प्रणालीगत जोखिम संबंधी चिंताओं को भी खारिज कर दिया।
पेटीएम की स्थिति को और बढ़ावा देने के लिए राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने पेटीएम के खिलाफ किसी भी मौजूदा कानून प्रवर्तन और ईडी की कार्रवाई की अनुपस्थिति पर जोर दिया। साथ ही कंपनी के संचालन या कथित मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में चल रही किसी भी जांच से इनकार किया।
इसके साथ ही जैसे-जैसे पेटीएम नियामक परिदृश्य में आगे बढ़ रहा है। सरकार और नियामक अधिकारियों की पुष्टि भारत में पारदर्शी, सुरक्षित और समावेशी डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र बनाए रखने के लिए कंपनी के लचीलेपन और प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में काम करती है।