उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फसल क्षति के मुआवजे के वितरण में लापरवाही पर असंतोष जताया है और 17 जिलों के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री ने विभिन्न आपदाओं से प्रभावित फसलों के मुआवजे और अन्य राहत उपायों की समीक्षा की थी जिसमें उन्होंने त्रुटियों के कारण फसल क्षति का दोबारा सत्यापन करने में बरती जा रही लापरवाही और मुआवजा नहीं देने पर असंतोष व्यक्त किया।

योगी ने संबंधित अधिकारियों को तकनीकी कमियों को तेजी से दूर करने और मामलों का सत्यापन करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रभावित किसानों को तुरंत मुआवजा मिले।

समीक्षा बैठक के दौरान योगी को पता चला कि वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में फसल क्षति का सामना करने वाले हजारों किसानों को आधार, बैंक खाता संख्या और डेटा-फीडिंग प्रक्रिया में दोहराव के कारण मुआवजा नहीं मिला है।

अधिकारियों को मुआवजे से वंचित किसानों को फिर से सत्यापन करने और सहायता प्रदान करने का निर्देश देने के बावजूद, राज्य के कई जिला अधिकारी फसल क्षति से प्रभावित किसानों पर सर्वेक्षण करने में विफल रहे। नतीजा यह हुआ कि किसानों को समय पर मुआवजा नहीं मिल सका।

उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए 17 एडीएम (वित्त एवं राजस्व) से स्पष्टीकरण मांगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। सीएम की नाराजगी के बाद अधिकारी हरकत में आए और अपने-अपने जिलों में मुआवजे से वंचित किसानों का दोबारा सर्वे कराकर सरकार से बजट की मांग की थी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) सुधीर गर्ग ने कहा कि किसानों के मुआवजे के लिए अब तक 35 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की जा चुकी है। इसके साथ ही विभिन्न जिलाधिकारियों को छूटे हुए किसानों का सत्यापन कर धनराशि की मांग पर मार्गदर्शन देने का निर्देश दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी किसान वंचित न रहे।

इन जिलों में शाहजहांपुर,महोबा,देवरिया,कुशीनगर,महाराजगंज,झांसी,ललितपुर,गाजियाबाद,बिजनौर, कौशांबी,
अलीगढ,हाथरस,बाराबंकी,मऊ,बरेली,बदायूं और अम्बेडकर नगर शामिल हैं। सभी एडीएम को एक सप्ताह के अंदर अपना स्पष्टीकरण शासन को सौंपने का निर्देश दिया गया है। सभी एडीएम के स्पष्टीकरण को शामिल करते हुए रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी।

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