उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक अजीब मामला देखने को मिला। जहां एक किशोर के पेट का डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के बाद घड़ी में लगाने वाले सेल बरामद किए हैं। डॉक्टर भी यह देख अचंभित रह गए कि इतनी बड़ी संख्या में किशोर के पेट के अंदर घड़ी के सेल कैसे पैदा हो गए। जानकारी के अनुसार रत्नगर्भा कॉलोनी के रहने वाले कक्षा 9 के छात्र की 28 अक्टूबर की रात करीब 10 बजे मौत हो गई। इस बच्चे की मौत ने परिजनों को असमंजस में डाल दिया है। इस बच्चे के पेट से ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने 56 चीजें बरामद किए हैं। इस बच्चे के पेट से घड़ी में लगने वाले सेल, चैन का कुंदा, ब्लेड़ का टुकड़ा, एक पेच मिला है। हैरानी की बात यह थी कि किशोर के पेट का ऑपरेशन करके सभी चीजों को बाहर निकाला लिया गया। लेकिन ऑपरेशन के बाद फिर से पेट दर्द उठने पर उसके पेट तीन सेल डॉक्टरों ने और निकाले।
मृतक किशोर के परिजनों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चे के गले में कोई भी घाव का निशान नहीं आया है। जिससे यह लगे कि किशोर ने खुद ही घड़ी के सेल और अन्य चीजों को निगल लिया हो। वहीं किशोर की मौत परिजनों के लिए सवाल बनी हुई है। आदित्य शहर के राजेंद्र लोहिया स्कूल में पढ़ता था और परिवार का इकलौता बेटा था। किशोर की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस पूरे मामले में मृतक छात्र आदित्य के पिता संचेत शर्मा ने बताया कि 13 अक्तूबर को बेटे के पेट में दर्द व सांस लेने में दिक्कत की समस्या आई थी। इसे लेकर शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर गए थे। लेकिन यहां से डॉक्टर ने मेरे बेटे को राजस्थान के जयपुर के एसडीएमएच अस्पताल के लिए रेफर का दिया था। जयपुर के अस्पताल में करीब 4 से 5 दिन तक उपचार होने के बाद बच्चे को घर भेज दिया गया। घर पर आने के बाद बेटे ने 19 अक्तूबर को सांस लेने में दिक्कत बताई तो परिजन अलीगढ़ में निजी अस्पताल में लेकर गए। यहां बच्चे की जांच कराई गई, जांच में सभी सही आने पर चिकित्सकों ने बच्चे को घर भेज दिया।
लेकिन किशोर को सांस लेने में समस्या बरकरार बन रहने पर 25 अक्टूबर को नाक का सिटी स्कैन कराया गया। सिटी स्कैन में नाक के अन्दर गांठ सामने आई तो 26 अक्टूबर को ऑपरेशन करके गांठ को निकाल दिया गया। जिससे बच्चे को सांस लेने आ रही दिक्कत दूर हो गई। बच्चे के पेट में दर्द की परेशानी दूर न होने पर 26 अक्तूबर को एक अल्ट्रासाउंड सेंटर जब पेट का अल्ट्रासाउंड कराया गया तो अल्ट्रासाउंड की तस्वीर को देख परिजनों के साथ साथ लैब टेक्नीशियन के होश उड़ गए। अल्ट्रासाउंड में किशोर के पेट के अंदर 19 चीजें दिखाई दी।
डॉक्टरों ने किशोर को तत्काल हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। परिजन घबराए हुए बच्चे को लेकर नोएडा के फॉर्टिज हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। यहां जब किशोर का अल्ट्रासाउंड कराया गया तो उसके पेट में मौजूद चीजों की संख्या बढ़कर 42 हो गई। उसकी स्थिति को देखते हुए तत्काल यहां से भी किशोर को रेफर कर दिया गया। परिजन बच्चे को सफदरगंज अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां अल्ट्रासाउंड कराने पर बच्चे के पेट के अंदर घड़ी के सेल सहित 56 चीजे नजर आई, इनमें घड़ी के सेल, ब्लेड़ का टुकड़ा, पेच, चैन का कुंदा दिखाई दिए।
किशोर
के पिता ने बताया कि डॉक्टरों ने उनसे कहा कि बच्चे की हार्टबीट 280 है। इस हार्टबीट को देख डॉक्टर हैरान थे कि बच्चा कैसे जीवित है। इसके बाद 27 अक्तूबर को 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद सभी चीज़ों को किशोर के पेट से बाहर निकाला गया। फिर से स्कैनिंग की गई तब पेट बिल्कुल साफ था। कुछ देर बाद दर्द होने पर फिर से अल्ट्रासाउंड कराया गया है। तो उसके पेट में तीन चीजें और निकली,उन्हें बाहर निकाला गया। इसके कुछ घंटों बाद 28 अक्टूबर को किशोर की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि अलट्रासाउंड कराने पर बच्चे के गले में घाव के कोई निशान नहीं पाए गए, जिससे अभी तक मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। वहीं छात्र आदित्य की मौत अपने पीछे कई बड़े सवाल छोड़ गई कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में सेल उसके पेट में कैसे पहुंचे।